Last Updated: Tuesday, November 15, 2011, 11:48

नयी दिल्ली : वित्तीय संसाधन बढ़ाने के उद्देश्य से नकदी की कमी से जूझ रही रेलवे एक नई नीति पेश करने पर विचार कर रही है जिसके तहत कंपनियों से उनके मुनाफे के आधार पर भाड़ा वसूला जाएगा।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम इस समय, प्रमुख सार्वजनिक और निजी फर्मों के खातों का अध्ययन कर रहे हैं जिससे पिछले कुछ वर्षों में उनके लाभ की स्थिति का आकलन किया जा सके। आगे इसी आधार पर विभिन्न वर्ग के माल के लिए भाड़े के अलग-अलग स्लैब निर्धारित किए जाएंगे। इस समय माल भाड़ा माल की किस्म और दूरी के आधार पर तय किया जाता है।
अधिकारी ने कहा, हम उन कंपनियों में संभावना टटोल रहे हैं जो ग्राहक पर बोझ डाले बिना अधिक भाड़े का भुगतान करने में सक्षम हैं। वर्तमान में, रेलवे की माल भाड़ा आमदनी में कोयला और लौह अयस्क का प्रमुख योगदान है। इसके अलावा भारतीय रेल ट्रक ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से ढुलाई का माल अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आक्रामक विपणन नीति अपनाने का भी विचार कर रही है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 15, 2011, 17:18