रैनबैक्सी के खिलाफ जनहित याचिका खारिज

रैनबैक्सी के खिलाफ जनहित याचिका खारिज

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को औषधि निर्माता कंपनी, रैनबैक्सी के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी। याचिका में मांग की कई थी कि कथित रूप से मिलावटी दवा बनाने और उसे भारतीय बाजार में बेचने से कंपनी को रोका जाए। यह याचिका अमेरिका में कम्पनी द्वारा खराब दवा बेचने की खबर आने के बाद दाखिल की गई थी।

न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने वकील एम.एल. शर्मा द्वारा दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी। अदालत ने वकील से कहा कि वह ऐसी सामग्री पेश करे, जिससे पता चले की कम्पनी द्वारा बेची जा रही दवा खराब है। यह कहते हुए कि अदालत का उपयोग लोकप्रियता हासिल करने के लिए नहीं किया जा सकता, अदालत ने कहा कि आप सिर्फ अखबारी रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। अमेरिका में जो भरोसेमंद सामग्री हो सकती है, उस पर भारत में भरोसा नहीं किया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि आप हमें कुछ सामग्री दिखाकर साबित कीजिए कि रैनबैक्सी द्वारा बनाई जा रही दवा खराब और मिलावटी है और वह भारत में लोगों के लिए नुकसानदेह है। अमेरिका में गलत आंकड़े पेश करने और खराब दवा बेचने के लिए रैनबैक्सी द्वारा अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन से अदालत के बाहर 55.5 करोड़ डॉलर में मामला निपटाने की खबर आने के बाद शर्मा ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह भारत में रैनबैक्सी को खराब दवा बनाने और बेचने से रोके। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 25, 2013, 21:56

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