Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 21:45
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि आर्थिक विकास के लिए सूक्ष्म, लघु तथा मझौले उद्यम अत्यावश्यक हैं, तथा इन उद्योगों को पर्याप्त सांस्थानिक ऋण प्रदान किए जाने की आवश्यकता है। मुखर्जी ने कहा कि इस तरह के उद्योगों के समक्ष अनेक चुनौतिया हैं।
मुखर्जी ने कहा कि इन उद्योगों की सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए हमें इन उद्यमों में प्रतिद्वंद्विता बढ़ाने के लिए अपने प्रयास तेज करने होंगे, जिसके लिए हमें इस श्रेणी के उद्यमों को अधिक ऋण उपलब्ध कराने होंगे। मुखर्जी ने कहा कि एमएसएमई इकाइयों को वित्तीय सहायता से वंचित रखकर उनके विकास को बाधित नहीं किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह के उद्योगों का शायद देश के आर्थिक विकास तथा सामाजिक-आर्थिक बदलाव के बीच बहुत महत्वपूर्ण संबंध है। सूक्ष्म, लघु तथा मझौले उद्यमों (एमएसएमई) एवं बैंकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद मुखर्जी समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुखर्जी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु तथा मझौले उद्यमों की देश के सकल घरेलू उत्पाद में आठ प्रतिशत, विनिर्माण उत्पाद में 45 प्रतिशत तथा कुल निर्यात में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। मुखर्जी ने कहा कि एमएसएमई की इकाइयां तभी समृद्ध हो सकेगी, जब उनके उत्पादों को बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के ठोस प्रयास किए जाएंगे।
मुखर्जी ने कहा कि इस क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए, और इसके लिए सांस्थानिक ऋण की उपलब्धता, नवाचार व नई प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन बढ़ाना होगा, पर्याप्त औद्योगिक अधोसंरचना एवं मुहैया करानी होगी, कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण की मांग परी करनी होगी तथा बाजार उपलब्धता बढ़ानी होगी। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम तथा जापान सरकार द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में सूक्ष्म उद्यमों को 46 अरब डॉलर, लघु उद्यमों को 10 अरब डॉलर तथा मझौले उद्यमों को दो अरब डॉलर के ऋण की कमी रह गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि इन उद्योगों को प्रदान किए गए ऋण में कमी के पीछे सूक्ष्म उद्यमों पर एकदम ध्यान न दिए जाने तथा लघु उद्यमों पर थोड़ी मात्रा में ध्यान दिए जाने को कारण बताया गया था। राष्ट्रपति ने कहा कि बाजार विस्तार में सहयोग, व्यापारिक मेलों का आयोजन, पैकेजिंग प्रौद्योगिकी, बार कोडिंग तथा मानकीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार तथा औद्योगिक संस्थाओं को मिलकर प्रयास करने होंगे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 21:45