Last Updated: Wednesday, August 28, 2013, 21:17

नई दिल्ली : डॉलर के मुकाबले रुपया 68 से भी नीचे जाने एवं वैश्विक एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में धूमिल परिदृश्य पेश करने के बीच सरकार ने बुधवार को निवेशकों को पुन: भरोसा दिलाया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि रुपए की यह गिरावट तर्कसंगत धारणा पर आधारित नहीं है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, ‘घबराने की कोई जरूरत नहीं है। भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और हम इसे संकट की घड़ी से उबार लेंगे।’ आज जहां रुपया 256 पैसे टूटकर 68.80 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ, वहीं दूसरी ओर, स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने चेतावनी दी है कि भारत सहित विशाल राजकोषीय घाटे वाले देशों के लिए आगे की राह कठिन है।
इस बीच, आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा,‘यह एक अतार्किक धारणा है। यह खुद ठीक हो जाएगी। इस दौरान धर्य रखना महत्वपूर्ण है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’
अर्थव्यवस्था पर मंडराते संकट के बादल को देखते हुए फ्रांस की वित्तीय सेवा फर्म बीएनपी परिबा ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया और कहा कि आर्थिक स्थिति संकट की ओर बढ़ रही है।
अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के मद्देनजर सोने की कीमतें आज रिकार्ड 2,500 रुपये उछलकर 34,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। मायाराम ने कहा कि वर्ष 2013-14 में चालू खाते का घाटा अनुमान से काफी कम रहेगा। सरकार को यह घटकर 70 अरब डॉलर पर आने का अनुमान है जो बीते वित्त वर्ष में 88.2 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था।
उन्होंने कहा कि मुद्रा बाजार में डेरिवेटिव्ज कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। रुपया में गिरावट के चलते कारें, टीवी, वाशिंग मशीन एवं अन्य घरेलू उपयोग के सामान और महंगे हो सकते हैं। कंपनियों ने इन उत्पादों के दाम बढ़ाने की तैयारी की है।
उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर घटकर दशक के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गई। चौथी तिमाही में यह 4.8 प्रतिशत रही, जबकि तीसरी तिमाही में यह 4.7 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए वृद्धि दर के आंकड़े 30 अगस्त को जारी किए जाने हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 28, 2013, 21:17