वालमार्ट ने 80 से अधिक मुद्दों पर की लॉबिंग-Wal-Mart lobbying issue

वालमार्ट ने 80 से अधिक मुद्दों पर की लॉबिंग

वालमार्ट ने 80 से अधिक मुद्दों पर की लॉबिंगवाशिंगटन : खुदरा क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ने पिछले पांच साल में नौ अलग अलग श्रेणियों में करीब 80 मुद्दों पर अमेरिकी सांसदों का सहयोग जुटाने के लिए लॉबिंग की है। कंपनी ने अमेरिकी संसद के समक्ष पेश तिमाही ब्योरे में इसका खुलासा किया है।

वालमार्ट द्वारा इस बारे में नियमों के तहत प्रस्तुत तिमाही रिपोर्ट से में उसने बताया है कि उसकी ओर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न मुद्दों पर लॉबिंग की गयी। इनमें सीटी, दिग्सूचक यंत्र और क्रिसमस ट्री लैम्प पर शुल्क को अल्पकालिक रुस से निलंबित करने से लेकर भूखमरी पर परिचर्चा, पोषण नीति, संगठित खुदरा अपराध कानून, चीन द्वारा विनिमय दर में हेरफेर जैसे मुद्दे शामिल हैं।

तिमाही रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी द्वारा लॉबिंग के लिए चुने गए मुद्दों में खाद्य उद्योग, कराधान, वित्तीय संस्थानों, स्वास्थ्य, श्रम, दवा, परिवहन, उपभोक्ता, सुरक्षा, उत्पादों, उर्जा और परमाणु से जुड़े मुद्दें शामिल हैं। कंपनी प्रवक्ता ने भारत में एफडीआई समेत विभिन्न मुद्दों पर किए गए खर्च का अलग-अलग ब्योरा देने से इंकार किया।

प्रवक्ता ने कहा, मैं अपने बयान की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहूंगा, इसके अलावा हमारे पर बताने को और कुछ नहीं है। अमेरिकी सरकार और वालमार्ट का कहना है कि कंपनी ने अमेरिकी कानून के मुताबिक लॉबिंग की जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। अमेरिकी संसद के समक्ष पेश रिपोर्ट में कंपनी ने बताया है कि उसने लॉबिंग पर करीब 2.5 करोड़ डालर खर्च किये हैं।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वालमार्ट द्वारा भारत में सरकार अथवा अधिकारियों से अनुचित लाभ हासिल करने के लिए यदि कोई खर्च किया गया है तो वह विदेशों भ्रष्ट गतिविधि विरोधी अमेरिकी कानून के तहत अपराधन होगा। ऐसे मामलों की अलग से जांच हो सकती है।

वालमार्ट द्वारा अमेरिकी संसद को दी गयी रपट में लाबिंग संबंधी जिन मुद्दों का जिक्र है उनमें भारत में एफडीआई, भारत और चीन में निवेश के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने से जुड़े अनेक विदेशी मुद्दे शामिल हैं।

इसके अलावा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अवसर क्षेत्र के पुनर्निर्माण, पनामा और कोलंबिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता, मैंक्सिकों में ट्रक परिवहन विवाद, डब्लयूटीओ वार्ता, एपेक मंत्रिस्तरीय बैठक और कांगों में आंतरिक संघर्ष से जैसे अनेक मुद्दे शामिल हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 12, 2012, 14:59

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