Last Updated: Friday, September 14, 2012, 15:00

नई दिल्ली : डीजल का दाम बढ़ाना एक कठिन फैसला है। हमें आठ प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने के लिए बहुत से कठिन फैसलें करने की जरूरत है। यह बात योजना आयोग के अध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने शुक्रवार को कही।
मोंटेक ने यह भी कहा कि दाम बढ़ाना जरूरी था। डीजल की कीमत में बढ़ोतरी और सब्सिडी वाली रसोई गैस की आपूर्ति सीमित करने के फैसला का जोरदार समर्थन करते हुए योजना आयोग ने आज कहा कि देश को तीव्र आर्थिक वृद्धि की राह पर चलाने के लिए कड़े फैसले करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डीजल व पेट्रोल की कीमत को चरणबद्ध तरीके से नियंत्रणमुक्त किया जाना चाहिए ताकि राजकोषीय घाटे में कमी की जा सके।
योजना आयोग के अध्यक्ष मोंटेक सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि डीजल की कीमत में बढ़ोतरी कड़ा फैसला है और हमें ऐसे कई कड़े फैसले करने की जरूरत है ताकि आठ फीसद की वृद्धि दर दर्ज की जा सके। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुझे बहुत खुशी है कि सरकार ने यह फैसला (डीजल की कीमत बढ़ाने का) लिया है। सरकार ने कल डीजल की कीमत में 5.63 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है और सब्सिडी वाले एलपीजी की आपूर्ति सालाना छह सिलिंडर प्रति परिवार सीमित करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से नियंत्रण मुक्त करना नहीं है। पेट्रोल और डीजल दोनों को नियंत्रण मुक्त किया जाना चाहिए। यह चरणबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 14, 2012, 15:00