Last Updated: Thursday, May 9, 2013, 19:14

श्रीनगर : भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वित्तीय संस्थानों की विफलता के कारण सामने आने वाली कई तरह की वित्तीय दिक्कतों से निपटने के लिए समाधान प्राधिकरण गठित करने का प्रस्ताव है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
उनसे पूछा गया कि सारदा ग्रुप के संकटग्रस्त निवेशकों को राहत पहुंचाने के लिए क्या सिगरेट जैसी वस्तुओं पर कर लगाना उचित है। सुब्बाराव ने कहा, `संस्थानों के दबाव में आने पर उठाए जाने वाले कदमों के लिए हम भारत में एक समाधान प्राधिकरण गठित कर रहे हैं।` समाधान प्राधिकरण बड़े वित्तीय संस्थानों के विफल होने के बाद की दिक्कतों से निपटने के लिए आधिकारिक ढांचा उपलब्ध कराएगा।
कोलकाता के सारदा ग्रुप ने धन जुटाने की फर्जी योजनाओं के जरिए निवेशकों को करोड़ों रपये का चूना लगाया। पश्चिम बंगाल सरकार ने निवेशकों को राहत देने के लिए सिगरेट पर दोष कर लगाने का प्रस्ताव किया है। सुब्बाराव ने इस पर कहा, `पूरी तरह राजनीतिक फैसला है। यह राज्य सरकार तक है। सरकारें ऐसा करती रहती हैं।` अमेरिका का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट 2008 के समय सरकार ने वित्तीय संस्थानों की मदद के लिए करदाताओं के धन का इस्तेमाल किया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 9, 2013, 19:14