Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 21:28
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि पिछले महीने देश से बाहर जाने वाली विदेशी मुद्रा खर्च की सीमा घटाते समय उसने विदेश में चिकित्सा उपचार और अध्ययन पर होने वाले खर्च पर कोई सीमा नहीं लगाई थी।
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि स्थानीय व्यक्तियों के लिए उदारीकृत भुगतान प्राप्ति योजना (एलआरएस) के तहत धन का इस्तेमाल सूचीबद्ध तथा गैर सूचीबद्ध विदेशी कंपनियों में शेयर खरीदने के लिए किया जा सकता है।
रिजर्व बंक ने 14 अगस्त को पूंजी के बाहरी प्रवाह पर काबू पाने के लिए विदेशी मुद्रा भुगतान सीमा को दो लाख डॉलर से घटाकर 75,000 डालर कर दिया था। बैंक ने कहा है कि शिक्षा तथा चिकित्सा उपचार के उद्देश्य से किया जाने वाला खर्च सालाना एलआरएस सीमा में नहीं आएगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 4, 2013, 21:28