Last Updated: Sunday, January 29, 2012, 12:43
मुंबई : महंगाई दर में गिरावट और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में कटौती का संकेत देने के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के बीच जनवरी माह में लिवाली का माहौल रहा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के मुताबिक एफआईआई ने 27 जनवरी तक बिकवाली से अधिक लिवाली की। उन्होंने इस माह 27 तारीख तक कुल 1.78 अरब डॉलर मूल्य के शेयरों की लिवाली की। गत सप्ताह उन्होंने कुल 61.188 करोड़ डॉलर मूल्य के शेयर खरीदे।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स इस साल पहले चार सप्ताहों में 11.51 फीसदी या 1,779.06 अंकों की तेजी बनाकर गत शुक्रवार को 17,233.98 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 30 दिसम्बर को 15,454.92 पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी इस साल पहले चार सप्ताहों में पिछले साल के आखिरी कारोबारी सत्र के बंद स्तर के मुकाबले 12.5 फीसदी या 580.4 अंकों की तेजी बनाकर 27 जनवरी को 5,204.7 पर बंद हुआ।
एफआईआई ने 2011 में 35.78 करोड़ डॉलर की शुद्ध बिकवाली की थी, जबकि 2010 में उन्होंने 28.83 अरब डॉलर की शुद्ध लिवाली की थी।
हाल के दिनों में खाद्य महंगाई दर जहां नकारात्मक अंक में दर्ज की गई, वहीं दिसम्बर माह में वार्षिक महंगाई दर भी दो साल के निचले स्तर 7.47 फीसदी दर्ज की गई।
भारतीय रिजर्व बैंक ने तीसरी तिमाही की मौद्रिक समीक्षा में मुख्य दरों में कटौती नहीं की, लेकिन नकद आरक्षित अनुपात में 50 आधार अंकों की कटौती कर बाजार की तरलता में 3,200 करोड़ रुपये की वृद्धि की।
रिजर्व बैंक द्वारा दरें कम करने का संकेत देने और भविष्य में विकास पर अधिक ध्यान देने की बात कहने से भी विदेशी निवेशकों में लिवाली का जोर रहा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 29, 2012, 21:13