Last Updated: Sunday, August 18, 2013, 14:49
नई दिल्ली : विदेशी निवेशकों ने पिछले एक पखवाड़े में भारतीय ऋण बाजार से 6,000 करोड़ रुपये (96.2 करोड़ डॉलर) की निकासी की है। रुपये में कमजोरी तथा इस तरह के निवेश पर मिलने वाले रिटर्न में कर नियमों में स्पष्टता न होने की वजह से विदेशी निवेशकों की निकासी बढ़ी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, जून से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ऋण बाजार से 51,000 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। 2013 के पहले पांच महीनों में उनका शुद्ध निवेश 25,000 करोड़ रुपये का रहा था।
आंकड़ों के अनुसार 1 से 16 अगस्त के दौरान एफआईआई ने 5,257 करोड़ रुपये का ऋण खरीदा, जबकि उनकी बिकवाली 11,150 करोड़ रुपये की रही। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 5,894 करोड़ रुपये की रही। इस अवधि में विदेशी निवेशकों का शेयर बाजार में शुद्ध निवेश 1,601 करोड़ रुपये का रहा।
कई एफआईआई ने भारतीय डिबेंचरों में अपना निवेश रोका हुआ है। मई में सरकार ने बांड में पर कम विदहोल्डिंग कर लगाने की अनुमति दी थी। इस बारे में स्पष्टता के अभाव में एफआईआई निवेश नहीं कर रहे हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या डिबेंचर भी कम विदहोल्डिंग कर के दायरे में आएंगे। इसके अलावा रुपये में कमजोरी की वजह से भी यहां से निकासी बढ़ी है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 18, 2013, 14:49