Last Updated: Sunday, January 15, 2012, 12:15
मुंबई : देश के विदेशी पूंजी भंडार में 2012 के पहले सप्ताह में 3.14 अरब डॉलर की गिरावट हुई और यह घटकर 293.54 अरब डॉलर रह गया। यह पिछले 15 महीने का निचला स्तर है। गैर डॉलर सम्पत्तियों के पुनर्मूल्यांकन और रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर की बिक्री करने के कारण विदेशी पूंजी भंडार में गिरावट आई है।
भारतीय रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक विदेशी पूंजी भंडार छह जनवरी को समाप्त सप्ताह में 3.14 अरब डॉलर घटकर 293.54 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह में विदेशी पूंजी भंडार 296.68 अरब डॉलर था।
विदेशी पूंजी भंडार में अक्टूबर के बाद 27 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है। इसका प्रमुख कारण डॉलर के मुकाबले रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर की बिक्री करना है।
भंडार में यूरो जैसी गैर-डॉलर मुद्राओं के पुनर्मूल्यांकन के कारण भी विदेशी पूंजी भंडार में गिरावट आई है।
यह विदेशी पूंजी भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह की गिरावट है। इस दौरान भंडार के मूल्य में कुल 13.24 अरब डॉलर की गिरावट आई।
विदेशी पूंजी भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार छह जनवरी को समाप्त सप्ताह में 3.12 अरब डॉलर घटकर 259.80 अरब डॉलर रह गया।
रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार में बदलाव का कोई कारण नहीं बताया। उसने सिर्फ यह कहा कि भंडार को डॉलर में अभिव्यक्त किया जाता है और स्टर्लिग, यूरो और येन जैसी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में उतार-चढ़ाव का भंडार के कुल मूल्य पर असर पड़ता है।
आलोच्य सप्ताह में विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) 1.48 करोड़ डॉलर घटकर 4.41 अरब डॉलर रह गया और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत का भंडार 91 लाख डॉलर घटकर 2.69 अरब डॉलर रह गया।
स्वर्ण भंडार का मूल्य हालांकि इस अवधि में 26.62 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 15, 2012, 17:47