Last Updated: Tuesday, October 1, 2013, 14:41
नई दिल्ली : देश के विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन लगातार दूसरे माह सितंबर में भी घटा है। यह निष्कर्ष वैश्वि वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी के एक नियमित सर्वेक्षण का है जिसमें कहा गया है कि माह के दौरान उत्पादन और नए आर्डर दोनों में ही गिरावट रही।
सितंबर की स्थिति अगस्त के मुकाबले बेहतर है। भारत में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों के बारे में एचएसबीसी के मासिक सर्वे पर आधारित सूचकांक मार्च 2009 के बाद इस बार अगस्त में पहली बार 50 अंक के नीचे जाए था। 50 नीचे की स्थिति संकुचन का प्रतीक है और सितंबर में भी यह 50 से नीचे रहा।
एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) इस बार सितंबर में 49.6 पर रहा जो अगस्त के 48.5 के स्तर से बेहतर है।
एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत और आसियान) लीफ एस्केसेन ने कहा ‘विनिर्माण गतिविधि सितंबर में घटी हालांकि गिरावट का स्तर कम रहा। आर्डर विशेष तौर पर निर्यात आर्डर कम मिले और रोजगार घटा।’
परियोजनाओं में गिरावट के चालते कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या कम की है। फरवरी 2012 के बाद पहली बार कंपनियों ने कार्यबल घटाया है। एचएसबीसी की रपट में कहा गया है कि तरह डेढ़ साल से रोजगार बढ़ने का सिलसिला टूट गया है।
एस्केसेन ने कहा, ‘वृद्धि का आंकड़ा कमजोर भले है, पर मुद्रास्फीति के दबावों को देखते हुए रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति के खिलाफ चौकसी मजबूत रखनी होगी।’
रिजर्व बैंक ने इसी चिंता में 20 सितंबर को घोषित मौद्रिक नीति में नीतिगत ब्याज दर 0.25 प्रतिशत ऊंची कर दी जबकि बाजार और सरकार में बैठे लोग इसमें नरमी की उम्मीद किए बैठे थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 1, 2013, 14:41