Last Updated: Tuesday, February 7, 2012, 12:47
मुंबई : विमानन कंपनियों को ईंधन आयात की अनुमति दिए जाने के बाद शेयर बाजारों में सूचीबद्ध तीन घरेलू विमानन कम्पनियों के शेयरों में उछाल दर्ज किया गया। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में कारोबारी सत्र में तीनों कंपनियों के शेयरों में 18 फीसदी से अधिक की तेजी देखी गई।
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रियों के एक अधिकार प्राप्त समूह ने मंगलवार को घरेलू विमानन कम्पनियों को विमान ईंधन का आयात करने की इजाजत दे दी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह ने विमानन कम्पनियों को ईंधन आयात करने की अनुमति दे दी है।
विश्लेषकों का मानना है कि सरकार के इस कदम से विमानन कम्पनियों के संचालन खर्च में 10 से 15 फीसदी तक की कमी आएगी। विमानन कम्पनी उपभोक्ता के रूप में ईंधन का सीधे आयात कर सकेंगे और राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले बिक्री कर बचा पाएंगे, जो 20 से 35 फीसदी तक होता है। ऊंचे बिक्री कर तथा अन्य प्रकार की देनदारियों के कारण देश में विमान ईंधन का मूल्य काफी बढ़ जाता है।
सरकार के इस कदम से विमानन कम्पनियों के संचालन खर्च में काफी कमी आएगी। अभी देश में विमानन कंपनियों के कुल संचालन खर्च में से आधा सिर्फ ईंधन पर ही खर्च होता है। एंजल ब्रोकिंग के एक विश्लेषक शरण लीलाने ने आईएएनएस से कहा कि उद्योग जगत के लिए यह काफी अच्छी खबर है। विमानन कम्पनियों के खर्च में 10 से 15 फीसदी तक की कमी आ सकती है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज में विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के शेयर 13.20 फीसदी तेजी के साथ 29.15 रुपये पर बंद हुए, जो कारोबार के दौरान 30.90 रुपये के ऊपरी स्तर पर पहुंच गए थे।
जेट एयरवेज के शेयर 14.48 फीसदी तेजी के साथ 341.20 रुपये पर बंद हुए, जिसने कारोबार के दौरान 351.90 रुपये का ऊपरी स्तर छुआ। किफायती विमानन कम्पनी स्पाइस जेट के शेयर बीएसई में 10.98 फीसदी तेजी के साथ 27.30 रुपये पर बंद हुए। कम्पनी के शेयर ने कारोबारी सत्र में 29.40 रुपये का ऊपरी स्तर छुआ। सरकार के इस कदम के बाद अब विमानन कम्पनियों के पास हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि वे ईंधन का आयात किस प्रकार करेंगी और उसका भंडारण किस प्रकार किया जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 7, 2012, 18:17