Last Updated: Friday, January 13, 2012, 13:21
नई दिल्ली : सरकार विदेशी विमानन कंपनियों को घरेलू विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने का मना बना रही है और अगले सप्ताह प्रस्तावित मंत्रिसमूह (जीओएम) की बैठक में इस पर निर्णय किए जाने की संभावना है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्रिसमूह द्वारा भारतीय विमानन कंपनियों को विमान ईंधन का सीधा आयात करने की अनुमति दिए जाने की भी उम्मीद है, जिससे विमानन कंपनियों को उंचे बिक्री कर से राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि बैठक में मंत्रिसमूह यह विचार कर सकता है कि विदेशी विमानन कंपनियों को भारतीय विमानन कंपनियों में कितनी इक्विटी खरीदने की अनुमति दी जाए।
यद्यपि सचिवों की एक समिति ने विदेशी विमानन कंपनियों को भारतीय विमानन कंपनियों में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है, नागर विमानन मंत्रालय 24 प्रतिशत हिस्सेदारी, जबकि औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग 26 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने के पक्ष में है।
वर्तमान में, विमानन क्षेत्र में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है, लेकिन विदेशी विमानन कंपनियों को घरेलू विमानन क्षेत्र में निवेश की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत एवं ओवरहाल), हवाईअड्डा, हेलीकाप्टर और समुद्री विमान परिचालन में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है।
मंत्रिसमूह विमानन कंपनियों को एटीएफ का आयात करने की अनुमति देने पर भी विचार कर सकता है। जहां नागर विमानन मंत्रालय किंगफिशर जैसी कंपनियों द्वारा उठाई गई मांग का पक्ष लिया है, माना जाता है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने कुछ आपत्तियां उठाई हैं।
(एजेंसी)
First Published: Friday, January 13, 2012, 18:52