Last Updated: Thursday, November 17, 2011, 09:42
नई दिल्ली : सरकार विदेशी एयरलाइंस द्वारा भारतीय विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने के बारे में दो सप्ताह में फैसला करेगी। उद्योग मंत्रालय ने जहां इसके लिए 26 प्रतिशत की सीमा रखने का प्रस्ताव किया है, वहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय 24 फीसद की सीमा के पक्ष में है।
आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यहां कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विदेशी एयरलाइंस के लिए निवेश की सीमा 24 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव किया है। मंत्रिमंडल के इस पर दो सप्ताह में फैसला करने की उम्मीद है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के 26 प्रतिशत के प्रस्ताव के बारे में सूत्रों ने कहा, ‘सरकार जो भी फैसला करेगी, सभी को उसे स्वीकार करना होगा।’ घरेलू एयरलाइंस में 49 प्रतिशत के एफडीआई की अनुमति है, पर वर्तमान नीति सुरक्षा कारणों से उन्हें यह निवेश करने से रोकती है।
26 प्रतिशत की सीमा का मतलब है कि विदेशी निवेशक के पास बोर्ड में मतदान का अधिकार होगा, वहीं 24 फीसद की सीमा होने पर यह अधिकार नहीं होगा। डीआईपीपी का मानना है कि विदेशी एयरलाइंस को निवेश की अनुमति देने की अनुमति उन्हें बेहद आवश्यक इक्विटी बढ़ाने में मदद मिलेगी। वहीं, इसका भारतीय एयरलाइंस समर्थन नहीं कर रही हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे कठिन वित्तीय स्थिति झेल रहे इस क्षेत्र में मनमाने तरीके से अधिग्रहण देखने को मिलेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 17, 2011, 15:12