Last Updated: Friday, October 5, 2012, 15:21

मुम्बई : किंगफिशर एयरलाइंस के अनेक कर्मचारियों ने शुक्रवार को यहां कम्पनी कार्यालय तक जुलूस निकाला और अपने लम्बित वेतन और अन्य बकायों के भुगतान की मांग की।
यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है, जब एक दिन पहले ही किंगफिशर प्रबंधन ने अपनी आंशिक बंदी को 12 अक्टूबर तक बढ़ाकर हड़ताली कर्मचारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की है।
जुलूस में शामिल एक पायलट ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, हमारी केवल तीन मांगें हैं- वेतन, वेतन, वेतन। प्रबंधन जैसे ही हमारे बकायों का भुगतान करेगा, सबकुछ सामान्य हो जाएगा, क्योंकि हमें घर चलाने में कठिनाई हो रही है।
किंगफिशर कर्मचारी की पत्नी की आत्महत्या से कम्पनी के अन्य कर्मचारी सदमे में हैं, क्योंकि उनमें से कई कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिला है।
पायलट ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारी प्रबंधन के उस निर्णय से भी चिंतित हैं, जिसके तहत आंशिक बंदी एक सप्ताह और बढ़ा दी गई है।
आधी रात से ठीक पहले बंदी की मियाद बढ़ाने की घोषणा करते हुए किंगफिशर एयरलाइंस ने आंशिक बंदी के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें पायलट, विमान रखरखाव इंजीनियर और तकनीशियन शामिल हैं। यह बंदी पहली अक्टूबर से ही लागू है।
विमानन कम्पनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, हमें खेद है कि अवैध हड़ताल अभी तक वापस नहीं ली गई है और कम्पनी में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई है, जिसके कारण पूरी कम्पनी का कामकाज लगातार बाधित है। इसके आलोक में किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड आंशिक बंदी को 12 अक्टूबर तक या अवैध हड़ताल समाप्त होने की तारीख तक बढ़ाने के लिए बाध्य है। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 5, 2012, 15:21