Last Updated: Wednesday, September 5, 2012, 19:22
जिनेवा : विश्व आर्थिक मंच के वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2012-13 में भारत तीन स्थान लुढ़ककर 59वें स्थान पर आ गया है। बुनियादी ढांचा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन के कारण भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में नीचे खिसका है। एक समय भारत जहां ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका से आगे था वहीं अब वह इन देशों से 10 पायदान नीचे है। चीन के मुकाबले वह 30 स्थान नीचे है।
इस सूची में स्विट्जरलैंड शीर्ष पर है। यह लगातार चौथा वर्ष है जब स्विट्जरलैंड पहले स्थान पर है। उसके बाद क्रमश: सिंगापुर, फिनलैंड तथा स्वीडन का स्थान है। शीर्ष 10 प्रतिस्पर्धी देशों में नीदरलैंड पाचवें, जर्मनी छठे, संयुक्त राज्य अमेरिका सातवें, ब्रिटेन आठवें, हांगकांग नौवें तथा जापान 10वें स्थान पर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘प्रमुख क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन के कारण प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत की स्थिति खराब हुई है।’ रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है और अर्थव्यवस्था की जरूरत के मुताबिक उसकी स्थिति खराब है। इसके अलावा देश में भ्रष्टाचार तथा नौकरशाही जैसे क्षेत्रों में भी समस्याएं हैं।
हालांकि विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने कहा है कि चुनौतियों के बावजूद भारत कई मामलों में मजबूत है जिससे उसकी प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति मजबूत हो सकती है। डब्ल्यूईएफ के अनुसार भारत बेहतर तरीके से विकसित और आधुनिक वित्तीय बाजार पर भोसा कर सकता है। इसके जरिये वित्तीय साधनों का बेहतर उपयोग हो सकता है। ब्रिक देशों में चीन तीन पायदान नीचे आने के बावजूद समकक्ष देशों में शीर्ष स्थान पर रहा। सूची में उसका स्थान 29वां है। ब्राजील 48वें, दक्षिण अफ्रीका 52वें, भारत 59वें तथा रूस 67वें स्थान पर है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 5, 2012, 19:22