Last Updated: Monday, December 26, 2011, 14:05
नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने वैश्विक समस्याओं के घरेलू अर्थव्यवस्था विशेष तौर पर वित्तीय क्षेत्र पर पड़ने वाले असर से निपटने के लिए सोमवार को संकट प्रबंधन समूह (सीएमजी) के गठन का फैसला किया। इस समूह के गठन का फैसला वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव आर गोपालन की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि समूह संकट से बचने के लिए एक पूर्व सूचना तंत्र विकसित करने के लिए काम करेगा। इस बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु, वित्तीय सेवा सचिव डी के मित्तल और विनिवेश सचिव मोहम्मद हलीम खान ने भी भाग लिया। वैश्विक संकट से निपटने के लिए इस समूह में विभिन्न नियामकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे और इसकी पेशकश भारतीय रिजर्व बैंक ने की थी।
केंद्रीय बैंक ने इसमें रिजर्व बैंक, पूंजी बाजार क्षेत्र के नियामक सेबी, बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा, पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल किए जाने पर जोर दिया। सूत्रों के मुताबिक यह समूह वित्तीय स्थिरता व विकास परिषद (एफएसडीसी) का हिस्सा होगा और इसकी अध्यक्षता आर्थिक मामलों के सचिव करेंगे।
अधिकारी ने कहा कि इस समूह का गठन वित्तीय स्थिरता निगरानी परिषद (एफएसओसी) के आधार पर किया जाएगा जिसकी स्थापना अमेरिकी सरकार ने वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उभरते जोखिम के संबंध में कदम उठाने और खतरों की पहचान के लिए की है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 26, 2011, 19:36