Last Updated: Tuesday, February 21, 2012, 10:15
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने देश की धीमी आर्थिक वृद्धि के लिए वैश्विक वित्तीय संकट और रिजर्व बैंक की सख्त मौद्रिक नीति को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि देश को वार्षिक 10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
वित्त मंत्री ने मंगलवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम की 91वीं वार्षिक आम बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘भारत को अगले कुछ सालों में ही 10 प्रतिशत के ईद-गिर्द आर्थिक वृद्धि लक्ष्य लेकर आगे बढ़ाना चाहिए। हमें लंबे समय तक लगातार उच्च आर्थिक वृद्धि बरकरार रखने के बारे में सीखना होगा।’
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2011-12 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.9 प्रतिशत रहने का अग्रिम अनुमान व्यक्त किया गया है। एक साल पहले यह 8.4 प्रतिशत रही थी। मुखर्जी ने उम्मीद जाहिर की कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार में आई यह सुस्ती अस्थायी होगी और देश एक बार फिर उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।
माना जा रहा है कि 16 मार्च को संसद में पेश होने वाले आम बजट में वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था का चक्का तेजी से घुमाने के लिए अनेक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा करेंगे। वर्ष 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट शुरु होने से पहले देश की आर्थिक वृद्धि 9 प्रतिशत से भी उपर चल रही थी लेकिन वैश्विक संकट के दौरान 2008-09 में यह घटकर 6.7 प्रतिशत रह गई।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 21, 2012, 18:33