वोडाफोन के साथ समझौते के पक्ष में सरकार

वोडाफोन के साथ समझौते के पक्ष में सरकार

वोडाफोन के साथ समझौते के पक्ष में सरकारनई दिल्ली : कपिल सिब्बल के कानून मंत्रालय का कार्यभार संभालने के एक दिन बाद ही ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के साथ 11,000 करोड़ रुपये के कर विवाद मामले में मंत्रालय ने अपने रुख में बदलाव लाते हुये कंपनी के साथ न्यायालय से बाहर मामले के निपटारे को हरी झंडी दे दी।

कानून मंत्रालय ने इस संबंध में प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी वित्त मंत्रालय को भेज दी। इससे सरकार में इस विवादित मामले को जल्द सुलझाने की मंशा झलकती है, क्योंकि इसका विदेशी निवेश पर असर पड़ सकता है।

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कल ही कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। उन्होंने कार्यभार संभालते ही मामले पर पहल कर एटार्नी जनरल जी. ई. वाहनवती से नये सिरे से उनकी राय देने को कहा।

वाहनवती जो कि पहले इस मामले में न्यायालय से बाहर समझौते के खिलाफ थे, इस बार उन्होंने तुरंत अपनी मंजूरी दे दी। इससे पहले कानून मंत्री रहे अश्वनी कुमार न्यायालय से बाहर समझौते के खिलाफ थे इसलिये एटार्नी जनरल ने भी उनके साथ सहमति जताई।

समझा जाता है कि वाहनवती ने अपने रुख में बदलाव वित्त मंत्रालय के स्पष्टीकरण के बाद किया है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि समझौता प्रस्ताव आयकर कानून के तहत कर देनदारी की उपेक्षा नहीं करेगा और न ही इसमें किसी प्रकार का बदलाव होगा।

सूत्रांे ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि वोडाफोन के साथ हुए किसी करार के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी होगी। उसके बाद इस पर संसद की मंजूरी की जरूरत होगी, क्योंकि इसके लिए आयकर कानून में संशोधन करना होगा।

इससे पहले अश्विनी कुमार ने कहा था कि सरकारी आदेश से संसद के कानून में बदलाव नहीं हो सकता है। अटार्नी जनरल ने भी उस समय कुमार के विचार से सहमति जताई थी।

सूत्रों ने कहा कि वाहनवती के पहले विचार के बाद वित्त मंत्रालय ने विधि मंत्रालय को स्पष्टीकरण दिया था। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 15, 2013, 00:14

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