Last Updated: Saturday, January 21, 2012, 05:54
नई दिल्ली: दूरसंचार कम्पनी वोडाफोन ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें आयकर विभाग के कम्पनी पर 11,218 करोड़ रुपये कर बकाए के दावे को खारिज किया गया। कम्पनी ने कहा, वोडाफोन शुरू से इस रुख पर कायम थी कि यह सौदा कर लगाने योग्य नहीं था। आज के फैसले की हमें खुशी है।
प्रधान न्यायाधीश एस एच कपाड़िया की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विदेश में पूरा हुए सौदे भारतीय कर विभाग के क्षेत्राधिकार में नहीं आते हैं। इस तरह आयकर विभाग का वह दावा निरस्त हो गया कि 2007 में हचिसन एस्सार के संचालन का अधिग्रहण करने के लिए वोडाफोन को कर चुकाना चाहिए था।
वोडाफोन समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विट्टेरियो कोलाओ ने कहा, हम भारत में लम्बी अवधि के निवेशक हैं और हमने शुरू से यह स्पष्ट किया है कि हमारा भारतीय न्यायपालिका पर भरोसा है। हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। इससे भारत में हमारा विश्वास और मजबूत हुआ है।
कोलाओ ने कहा, हम भारतीय कारोबार का विकास करते रहेंगे। हम ग्रामीण क्षेत्रों में और 3जी नेटवर्क के क्षेत्र में कारोबार का विस्तार करते रहेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, January 21, 2012, 11:24