शेयर बाजार : अगले सप्ताह विनिर्माण, पीएमआई पर नजर

शेयर बाजार : अगले सप्ताह विनिर्माण, पीएमआई पर नजर

शेयर बाजार : अगले सप्ताह विनिर्माण, पीएमआई पर नजरमुंबई : आगामी सप्ताह शेयर बाजार में निवेशकों का ध्यान जून 2013 के लिए विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़ों पर रहेगा। मार्किट इकॉनोमिक्स सोमवार एक जुलाई 2013 को जून 2013 के लिए एचएसबीसी इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) से संबंधित आंकड़े जारी करेगी। मई 2013 के लिए यह 50.1 दर्ज किया गया था और अप्रैल 2013 के लिए यह 51 पर था।

मार्किट इकॉनोमिक्स बुधवार तीन जुलाई 2013 को जून 2013 के लिए देश के सेवा क्षेत्र से संबंधित मासिक सर्वेक्षण आंकड़े जारी करेगी। सेवा क्षेत्र के लिए पीएमआई आंकड़ा मई में 53.6 था, जो अप्रैल में 50.7 था। वाहन और सीमेंट कंपनियां सोमवार एक जुलाई 2013 से जून महीने के लिए मासिक बिक्री के आंकड़े जारी करना शुरू करेंगी। इसलिए निवेशकों का ध्यान इस क्षेत्र से संबंधित कंपनियों के शेयरों पर रहेगा।

निवेशकों का ध्यान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफआईआई) प्रवाह और रुपये की दशा पर भी रहेगा। पिछले कुछ सप्ताहों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजारों में धुआंधार बिकवाली की है। 26 जून 2013 तक जून माह में एफआईआई ने 10,184.10 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।

रुपये ने पिछले सप्ताह भी गिरावट का नया रिकार्ड कायम किया। बुधवार 26 जून को रुपये ने डॉलर के मुकाबले 60.71 रुपये का नया ऐतिहासिक निचला स्तर छुआ। रुपये के अवमूल्यन से आयात महंगा हो सकता है और इससे देश में महंगाई बढ़ने का अंदेशा है। कमजोर रुपये से सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियों को हालांकि फायदा होगा, क्योंकि उनकी कमाई का अधिकांश हिस्सा डॉलर में होता है। इसलिए रुपये में उनकी आय बढ़ जाती है।

आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है। शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देश के मुताबिक सूचीबद्ध निजी कंपनियों में प्रमोटर की हिस्सेदारी घटानी होगी और आम निवेशकों को कम से कम 25 फीसदी हिस्सेदारी देनी होगी। इसी तरह सरकारी सूचीबद्ध कंपनियों में आम निवेशकों को कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी देनी होगी।

सेबी के आदेश के मुताबिक निजी कंपनियों के संस्थापकों को अपनी हिस्सेदारी घटाकर अधिकतम 75 फीसदी के दायरे में लाने के लिए समय सीमा 30 जून निर्धारित थी, जबकि सरकारी कंपनियों को अगस्त तक सेबी के आदेश पालन करना होगा।

वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कम्पनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है। सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। इसका असर वित्तीय घाटा प्रबंधन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।

बाजार में इस वक्त काफी गिरावट चल रहा है। इसे देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाय खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Sunday, June 30, 2013, 11:00

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