Last Updated: Monday, December 31, 2012, 15:32
नई दिल्ली : शेयर बाजार को वर्ष 2013 से काफी उम्मीदें हैं। बाजार को उम्मीद है कि नये साल में महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार आगे बढेंगे, ब्याज दरें नीचे आयेंगी और कर प्रशासन में आमूलचूल बदलाव होगा।
भारी उठा-पटक के बावजूद 2012 आाखिरकार शेयर बाजार के लिए अच्छा रहा और बेंचमार्क सूचकांक में करीब 25 फीसद की बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, निवेशक 2013 में ज्यादा स्थिर परिस्थितियों की उम्मीद कर रहे हैं।
विशेषज्ञों को वर्ष के दौरान सरकार की ओर से नीतिगत मोर्चे पर प्रयास तेज होने की उम्मीद है। उन्हें रिजर्व बैंक और सेबी जैसे नियामकों द्वारा अनुकूल नीतिगत पहल की उम्मीद है। इसके अलावा शेयर बाजार पहले से प्रस्तावित सुधारों के लागू होने और 2013 में कंपनियों की आय में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा है।
आदित्य ट्रेडिंग साल्यूशंस के प्रबंध निदेशक विकास जैन ने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति 2013 में भारतीय शेयर बाजार के लिए सबसे बड़ी उत्प्रेरक नजर आती है। आने वाले दिनों में यदि प्रस्तावित सीधे नकदी हस्तांतरण योजना लागू होती है तो इससे भी निवेशकों का रुख बदलेगा। बहु-प्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर का भी बाजार पर असर होगा। उन्होंने कहा कि ब्याज दरों की कटौती का बेसब्री से इंतजार कर रहा भारतीय निवेशक मुद्रास्फीति में भी कमी का इंतजार कर रहा है।
केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए मार्च 2010 से अक्तूबर 2011 के बीच मुख्य नीतिगत दरें 13 बार बढ़ाईं (3.75 फीसद) बढ़ाईं।
आरबीआई ने हालांकि संकेत दिया है कि मुद्रास्फीति में कमी के मद्देनजर जनवरी में होने वाली मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा में दरों में कटौती की जा सकती है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 31, 2012, 15:32