श्रमिकों के लिए मुफ्त मोबाइल, साइकिल - Zee News हिंदी

श्रमिकों के लिए मुफ्त मोबाइल, साइकिल



लुधियाना : बाहरी प्रदेशों से कम श्रमिकों के आने से पंजाब के कारोबारी परेशान हैं। बिहार से कम संख्या में श्रमिकों के आने से श्रमिकों की किल्लत का सामना कर रहे यहां नियोक्ता उन्हें नौकरी में बनाए रखने के लिए मोबाइल फोन और साइकिल जैसी चीजें बांट रहे हैं।

 

व्यापारियों ने कहा कि वो करीब 30 प्रतिशत श्रमिकों की कमी का सामना कर रहे। लगभग 5,000 छोटे एवं बड़े साइकिल विनिर्माताओं को धंधा चौपट होने की आशंका सता रही है। लुधियाना को देश की साइकिल राजधानी भी कहा जाता है। यहां साइकिल विनिर्माताओं में हीरो, एवन और रोलेक्स जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं। श्रमिकों की कमी का सामना कृषि क्षेत्र और कपड़ा मिलों को भी करना पड़ रहा है।
एक सर्वेक्षण में पाया गया कि रोजी-रोटी की तलाश में बिहार से पंजाब और दिल्ली आने वाले श्रमिकों की संख्या में 26 प्रतिशत से अधिक कमी आई है। पिछले पांच साल में नीतीश कुमार सरकार द्वारा रोजगार सृजन के लिए उठाए गए कदमों से श्रमिक अपने गृह प्रदेश में ही काम करना पसंद कर रहे हैं। गैर-सरकारी संगठन बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनामिक स्टडीज द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, 2001-03 के मुकाबले 2006-08 में बिहार से देश के विभिन्न हिस्सों में जाने वाले अकुशल श्रमिकों की संख्या 26.53 प्रतिशत घटी है। इसके लिए मनरेगा भी एक महत्वपूर्ण कारण है।

 

यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डीएस चावला ने बताया, ‘श्रमिकों को नौकरी में बनाए रखने के लिए उन्हें 50 रुपये से 200 रुपये तक का रीचार्ज कूपन भी दिया जा रहा है ताकि वे घर जाने के बजाय मोबाइल फोन पर ही अपने परिजनों से बात कर सकें।’ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीडी शर्मा ने कहा कि श्रमिक अपने कार्यस्थल जा सकें, इसके लिए उन्हें 2,500 रुपये की साइकिल या तो मुफ्त में दी जा रही है, या कुछ भुगतान लेकर उन्हें साइकिल दी जा रही है।

 

इंदरजीत सिंह नाम के एक किसान ने कहा कि गेहूं और धान की बुवाई और कटाई सीजन में श्रमिकों की भारी किल्लत को देखते हुए खेतों के मालिकों ने दैनिक मजदूरी लगभग दोगुनी कर दी है जो 300 रुपये प्रतिदिन है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 27, 2011, 13:37

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