Last Updated: Wednesday, October 12, 2011, 12:41

नई दिल्ली : आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी रही सत्यम कंप्यूटर्स सर्विसेज लिमिटेड के चार पूर्व कर्मचारियों और प्राईसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के एक पूर्व आडिटर को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। इन्हें सत्यम में हुए करोड़ों रुपये के लेखा धोखाधड़ी मामले में कथित भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया था।
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और दीपक मिश्रा की पीठ ने पांचों आरोपियों को जमानत देते हुए कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए हमें यह लग रहा है कि दो लाख के व्यक्तिगत बांड और इतनी जमानत राशि पर उन्हें जमानत देना उचित होगा। सत्यम के जिन पूर्व कर्मचारियों को जमानत दी गई उनमें पूर्व आंतरिक लेखा प्रमुख वीएस प्रभाकर गुप्ता और पूर्व कार्यकारी जी. रामकृष्णा, डी. वेंकटपति राजू और सीएच श्रीशैलम शामिल हैं। जमानत हासिल करने वाले पांचवें आरोपी पीडब्ल्यूसी के पूर्व आडिटर सुब्रमणि गोपालकृष्णन हैं। पांचो आरोपियों ने आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के 30 अगस्त के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इस मामले से जुड़े 10 आरोपियों में से सत्यम के संस्थापक बी. रामलिंग राजू के छोटे भाई बी. सूर्यनारायण राजू और पीडब्ल्यूसी के पूर्व आडिटर टी. श्रीनिवास को अलग-अलग अदालतों ने पहले ही जमानत दे दी है। मामले में मुख्य आरोपी बी. रामलिंग राजू और उनके भाई तथा सत्यम के पूर्व प्रबंध निदेशक बी. रामाराजू ने जमानत के लिए अब तक सुप्रीम कोर्ट से गुहार नहीं लगाई है। वह अभी भी हैदराबाद की चंचलगुडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। मामले में दसवें आरोपी सत्यम के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी वाडलमणि श्रीनिवास भी अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 12, 2011, 18:11