सब्सिडी का बोझ 14 फीसदी घटेगा - Zee News हिंदी

सब्सिडी का बोझ 14 फीसदी घटेगा

 

नई दिल्ली : सरकार ने वित्त वर्ष 2012-13 में सब्सिडी का बोझ 1.79 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 14 प्रतिशत कम है। बजट प्रस्तावों के अनुसार, वित्त वर्ष 2012-13 में सरकार का खाद्य, पेट्रोलियम और उर्वरकों पर सब्सिडी बिल 1,79,554 करोड़ रुपये रहेगा, जो चालू वित्त वर्ष के 2,08,503 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 14 प्रतिशत कम है।

 

दिलचस्प तथ्य है कि इस वित्त वर्ष का संशोधित अनुमान बजट लक्ष्य से 55 फीसदी ऊंचा है। 2011-12 के बजट में सब्सिडी बिल 1,34,211 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। सरकार ने पेट्रोलियम सब्सिडी में 24,901 करोड़ रुपये की भारी कमी का लक्ष्य रखा है। इंडियन आयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को लागत से कम मूल्य पर डीजल, एलपीजी और केरोसिन की बिक्री पर 2012-13 में 43,580 करोड़ की सब्सिडी का अनुमान लगाया गया है।

 

 

चालू वित्त वर्ष में यह 68,481 करोड़ रुपये है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में खाद्य सब्सिडी का बोझ बढ़ने का अनुमान है। बजट प्रस्तावों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दी जाने वाली सब्सिडी 75,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में इसके 72,823 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याण योजनाओं के लिए केंद्र द्वारा तय मूल्य और खाद्यान्न की आर्थिक लागत के अंतर को पूरा करने के लिए खाद्य सब्सिडी प्रदान की जाती है। वित्त वर्ष 2012-13 में उर्वरक सब्सिडी में भी 6,225 करोड़ रुपये की भारी कमी का अनुमान है। बजट प्रस्तावों में उर्वरक सब्सिडी बिल 60,974 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो चालू वित्त वर्ष में 67,199 करोड़ रुपये है।

 

उर्वरक सब्सिडी के तहत सरकार आयातित यूरिया के लिए 13,398 करोड़ रुपये, देश के उत्पादित यूरिया पर 19,000 करोड़ रुपये और 28,576 करोड़ नियंत्रणमुक्त उर्वरकों डीएपी, एमओपी और काम्प्लेक्स की किसानों को सब्सिडी वाली दरों पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराएगी।

(एजेंसी)

First Published: Friday, March 16, 2012, 19:26

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