Last Updated: Wednesday, May 1, 2013, 22:09
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज यहां कहा कि भारत की जरूरतें विकसित देशों के मुकाबले अलग हैं और भारत ‘‘सभी के लिए एक ही समाधान’’ का दृष्टिकोण नहीं अपना सकता।
यहां राष्ट्रपति भवन में मुखर्जी से भेंट करने आए भारतीय आर्थिक सेवा के 29 प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह के साथ बातचीत में उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से नीति निर्माताओं को सुविचारित विश्लेषण, नीतिगत विकल्प और रणनीति उपलब्ध कराने को कहा जिससे देश के सामाजिक एवं आर्थिक उद्देश्य पूरे किए जा सकें।
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में राष्ट्रपति के हवाले से कहा गया कि मुखर्जी ने उन्हें यह याद रखने की सलाह दी कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की जरूरतें विकसित देशों के मुकाबले अलग हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें विकसित, उभरते और विकासशील देशों सहित सभी ओर से विचारों को सुनने को तैयार रहना होगा, लेकिन उन्हें अपनी सोच पर कभी भी हावी नहीं होने देना होगा।’’ आईईएस 2012 के 29 प्रशिक्षु अधिकारियों का समूह इस समय यहां स्थित इंस्टिट्यूट आफ इकनॉमिक ग्रोथ में प्रशिक्षण ले रहा है।
इस अवसर पर, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अरविंद मायाराम और मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम जी. राजन भी मौजूद थे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 1, 2013, 22:09