सरकार एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क के पक्ष में

सरकार एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क के पक्ष में

नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग ने पुराने मोबाइल ऑपरेटरों पर उनके पास 6.2 MHz से अधिक बड़े स्पेक्ट्रम के लिए एकमुश्त शुल्क लगाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाले अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह की तीन अक्तूबर की बैठक में दूरसंचार विभाग ने कहा कि जो मौजूदा कंपनियां 6.2 MHz से अधिक स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर रही है उनपर उसके लिए एकमुश्त शुल्क लगाया जाना चाहिए। ऐसे में सरकार को कम से कम 22,640 करोड़ रुपए प्राप्त हो सकते हैं।

विभाग ने मंत्रिमंडल के समक्ष तीन विकल्प सुझाए हैं। उसका कहना है कि मंत्रिमंडल कोई भी विकल्प अपनाने का निर्णय करे पर स्पेक्ट्रम के लिए एकमुश्त शुल्क जरूर लगया जाए। दूरसंचार विभाग के अनुसार अगर वह मौजूदा कंपनियों के पास पूरे स्पेक्ट्रम के लिए एकमुश्त शुल्क लेने का निर्णय किया जाता है तो सरकार को 72,792 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। अगर 4.4 MHz से अधिक के स्पेक्ट्रम के लिए शुल्क लिया जाता है तो इससे 27,517 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। अगर तीसरे विकल्प यानी 6.2 MHz से अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के लिए शुल्क वसूला जाता है तो सरकार को 22,640 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।

दूरसंचार विभाग ने सभी कंपनियों को समान अवसर देने के लिए मौजूदा दूरसंचार कंपनियों से शुल्क लेने का प्रस्ताव किया है। मौजूदा दूरसंचार कंपनियों को देश भर में सेवा देने लिए स्पेक्ट्रम 1,658 करोड़ रुपए में दिया गया वहीं अब नई दूरसंचार कंपनियों को देशभर में परिचालन के लिए रेडियो तंरग न्यूनतम 14,000 करोड़ रुपये में दिया जाएगा। मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की 8 अक्तूबर को बैठक होने वाली है। इस बैठक में इस बारे में अंतिम निर्णय किया जाएगा। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 5, 2012, 21:04

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