Last Updated: Thursday, July 12, 2012, 21:22

मुंबई : रिजर्व बैंक ने सरकार द्वारा वित्तीय संस्थानों व बैंकों में अपने स्वामित्व अधिकारों का उपयोग अक्सर बोर्ड के बाहर के चैनलों के जरिए करने पर चिंता जाहिर की और उसे मामले में बेहतर कंपनी संचालन अपनाने को कहा।
रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने यहां नाबार्ड के 30वें स्थापना दिवस समारोह में कहा, ‘सरकार अपने स्वामित्व की भूमिका कैसे अदा करेगी, इन मुद्दों को लेकर सवाल हैं। यह नाबार्ड तक सीमित नहीं है, बल्कि वाणिज्यिक बैंकों सहित कई संस्थानों में कुछ इसी तरह की भूमिका अदा की जा रही है।’ एसबीआई सहित 21 बैंकों में सरकार की बहुलांश हिस्सेदारी है। इसके अलावा, चार साधारण बीमा कंपनियों और एक जीवन बीमा कंपनी एलआईसी सहित कई वित्तीय संस्थानों में इसकी बहुलांश हिस्सेदारी है।
सुब्बाराव ने कहा, ‘अक्सर सरकार अपने स्वामित्व अधिकारों का उपयोग स्थापित चैनल जोकि बोर्ड की व्यवस्था है, के जरिए नहीं, बल्कि बोर्ड के बाहर करने पर चिंता पैदा होती है। मुझे नहीं लगता कि यह अच्छे निगमित प्रशासन का एक अच्छा उदाहरण है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार को कापरेरेट क्षेत्र में संचालन का ऐसा उदाहरण पेश करना चाहिए जिसका अनुकरण किया जाए। सरकार को अपने स्वामित्व अधिकारों का उपयोग बोर्ड के जरिए करना चाहिए। मैं समझता हूं कि यह नाबार्ड सहित सभी वित्तीय संस्थानों के लिए अच्छा होगा।’ कई ऐसे मौके आये हैं जब सरकार ने समझा जाता है कि सरकारी वित्तीय संस्थानों पर दबाव बनाकर अनौपचारिक तौर पर उन्हें कुछ वित्तीय फैसले करने को कहा। हाल में ऐसी रिपोर्ट थी कि ओएनजीसी के इक्विटी विनिवेश में सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम को थोक में शेयरों में खरीदारी करने को कहा। हालांकि, सरकार और एलआईसी दोनों ने ही इस आरोप से इंकार किया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 12, 2012, 21:22