सहारा समूह की दो कंपनियों को अवमानना का नोटिस

सहारा समूह की दो कंपनियों को अवमानना का नोटिस

सहारा समूह की दो कंपनियों को अवमानना का नोटिस नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने निवेशकों का पैसा रिफंड करने के चर्चित मामले में आज सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कारपोरेशन तथा सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन का न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया। उन्हें सेबी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर ये नोटिस जारी किए गए हैं। सेबी की याचिका में कहा गया है कि इन कंपननियों ने बाजार विनियामक के माध्यम से निवेशकों को करीब 19,000 करोड़ रपये के लौटाने के शीर्ष अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं कर न्यायालय की अवज्ञा की है।

न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन तथा न्यायमूर्ति जे एस खेहार की पीठ ने इन कंपनियों से कहा, आपको मंगलवार तक साफ जवाब होना होगा। कंपनियों की अपील पर अदालत ने मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक टाल दी है। पीठ ने सहारा समूह से स्पष्ट किया है कि इस मामले में कंपनियों को और समय नहीं दिया जाएगा और वे न्यायालय की कार्यवाही पर किसी प्रकार के स्थगन की अर्जी न दें।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि इन कंपनियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा 5 दिसंबर को तय अवधि के अनुसार राशि जमा नहीं करायीं। इससे पहले 17 जुलाई को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि ये कंपनियां इस आदेश का अनुपालन नहीं करती हैं, तो सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय तथा इन कंपनियों के निदेशकों को उसके समक्ष पेश होना होगा।

इससे पहले 5 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने कंपनियों को तीन करोड़ निवेशकों की 24,000 करोड़ रुपये की राशि ब्याज सहित लौटाने के लिए 9 सप्ताह का और समय दिया था। इसके लिए कंपनी को अग्रिम 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। शेष राशि सेबी के पास दो किस्तों में फरवरी के शुरू में जमा कराई जानी थी। 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त जनवरी, 2013 की पहले सप्ताह तथा शेष राशि फरवरी, 2013 के पहले सप्ताह में दी जानी थी। सेबी ने अदालत को बताया कि समूह ने 5 दिसंबर को 5,120 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट जमा कराया था, लेकिन वह शेष राशि का भुगतान करने में विफल रहा है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल अगस्त में सहारा समूह की दो कंपनियों को निवेशकों का पैसा सालाना 15 प्रतिशत के ब्याज के साथ तीन माह में लौटाने का निर्देश दिया था। उसके बाद समूह को सेबी के पास यह राशि जमा कराने के लिए 9 सप्ताह का और समय दिया गया।

अदालत ने यह भी कहा था कि यदि ये कंपनियां इस राशि का भुगतान करने में विफल रहती हैं, तो सेबी उनकी संपत्ति कुर्क कर सकता है और बैंक खातों को फ्रीज कर सकता है। दोनों कंपनियों और उनके प्रवर्तक सुब्रत राय तथा निदेशकों वंदना भार्गव, रविशंकर दुबे तथा अशोक राय चौधरी को नियामक के पास यह राशि जमा करने का आदेश दिया गया था। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 24, 2013, 20:48

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