सहारा समूह निवेशकों की सही सूची सौंपे : सुप्रीम कोर्ट-SC pulls up Sahara Group, Subrata Roy for not responding to SEBI plea

सहारा समूह निवेशकों की सही सूची सौंपे : सुप्रीम कोर्ट

सहारा समूह निवेशकों की सही सूची सौंपे : सुप्रीम कोर्टनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का 24 हजार करोड़ रपया नहीं लौटाये जाने के मामले में सोमवार को सहारा समूह और इसके मुखिया सुब्रत राय को लताड़ा और कहा कि वे अपने बचाव के लिए ‘अदालतों से चालबाजी’ कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की खंडपीठ ने सेबी की अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करने के लिए सहारा समूह और इसके मुखिया की खिंचाई की ।

न्यायालय ने सुब्रत राय और दो पुरूष निदेशकों अशोक राय चौधरी तथा रवि शंकर दुबे को हिरासत में लेने संबंधी सेबी की याचिका पर उनसे जवाब तलब करने के लिए आज नोटिस भी जारी किए। सेबी ने निवेशकों का पैसा वसूलने की लिए उनको हिरासत में लेने का आदेश जारी करने का आग्रह किया है।

न्यायाधीशों ने एक अवसर पर राय के वकील से कहा कि वह देश नहीं छोड़ने का आश्वासन दें अन्यथा न्यायालय इस संबंध में आदेश जारी करेगा। बहरहाल न्यायाधीशों ने कोई ऐसा आदेश नहीं किया और सुब्रत राय और उसकी दो कंपनियों को जवाब दाखिल करने के लिये एक सप्ताह का वक्त दिया।

सेबी के पास 24 हजार करोड़ रपए जमा कराने में विफल रहने की स्थिति में सहारा समूह की दो कंपनियों की संपत्ति कुर्क करने संबंधी शीर्ष अदालत के आदेश के बाद सहारा इंडिया द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर किये जाने पर भी न्यायाधीशों ने नाराजगी व्यक्त की।

सहारा के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि सेबी राय की निजी संपत्ति कुर्क कर रही है जबकि वह उस प्रकरण में पक्षकार ही नहीं हैं जिसमें शीर्ष अदालत ने 24 हजार करोड़ रपए लौटाने का फैसला दिया है। इस पर न्यायाधीशों ने कहा कि आप अदालतों के साथ चालबाजी कर रहे हैं।

सेबी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द दत्तार ने तर्क दिया कि राय शीर्ष अदालत के आदेश का हिस्सा है जिसके 31 अगस्त, 2012 के आदेश में सहारा इंडिया को भी दोषी ठहराया गया था।

न्यायाधीशों ने कहा कि सहारा के जिन निवेशकों का पता नहीं चले उनकी जमा राशि केन्द्र सरकार के पास जमा कराने के लिये सेबी स्वतंत्र है। न्यायालय ने कहा कि 31 अगस्त का आदेश एकदम स्पष्ट है कि सेबी को निवेशकों के पता ठिकाने का सत्यापन नहीं करना है।

न्यायालय ने कहा कि यदि वे (सहारा निवेशकों से संबंधित दस्तावेज नहीं देते हैं तो आप (सेबी) इस धन को अपने आप रख सकते हैं जो सरकार के पास चला जायेगा। उन्हें आपको सही सूचना देनी ही होगी। आपको दस्तावेज नहीं खोजने हैं।

सेबी ने न्यायालय से अनुरोध किया कि सुब्रत राय, अशोक राय चौधरी और रवि शंकर दुबे को अपना पक्ष रखने का समुचित अवसर देने के बाद उन्हें गिरफ्तार करने के उपाय करने और सिविल जेल में हिरासत में रखने की इजाजत दी जाये। सेबी ने इन सभी के पासपोर्ट शीर्ष अदालत के पास जमा कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

सहारा समूह की दो कंपनियों द्वारा तीन करोड़ से अधिक निवेशकों को 24 हजार करोड़ रुपए लौटाने को लेकर सेबी के साथ कानूनी लड़ाई चल रही है। इससे पहले न्यायालय ने धन लौटाने के लिये और अधिक समय देने से इंकार कर दिया था।

सहारा समूह की दो कंपनियां और राय शीर्ष अदालत में अवमानना कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने छह फरवरी को सेबी को इन दो कंपनियों के खाते जब्त और संपत्ति जब्त करने की अनुमति दे दी थी। (एजेंसी)





First Published: Monday, April 22, 2013, 17:34

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