Last Updated: Wednesday, March 28, 2012, 07:28
नई दिल्ली : यूरोपीय देशों की सरकारों के ऋण संकट के मद्देनजर भारत समेत पांच ‘ब्रिक्स’ देशों ने ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की अपील की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने बुधवार को यहां ब्रिक्स सम्मेलन से पहले आयोजित ब्रिक्स बिजनेस फोरम 2012 की बैठक में कहा कि वित्तीय संकट का असर हर किसी को झेलना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए चीन के वाणिज्य मंत्री चेन देमिंग ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ की समस्या का असर सभी पर हो रहा है और इससे उक्त क्षेत्र में चीन का निर्यात कम हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि सुधार होगा। हालात और बिगड़ें इससे पहले ही यूरोपीय संघ के संकट को जल्दी रोकने की जरूरत है। इस मौके पर रूस की आर्थिक विकास एवं व्यापार मंत्री एल्वीरा नबिउलिना ने कहा कि 50 फीसद ज्यादा रूसी व्यापार यूरो क्षेत्र के साथ होता है। उन्होंने कहा कि विश्व को और जोखिम में पड़ने से बचना होगा। साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
ब्रिक्स के सदस्यों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने यूरोपीय और अमेरिकी द्वारा ईरान लगाए गए प्रतिबंध के मद्देनजर कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी पर भी चिंता जाहिर की। देमिंग ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत बढ़ने का असर सभी देशों पर हो रहा है। ईरान के मामला सभी के लिए समस्या बन गया है। हमें ईरान के साथ संबंध सामान्य रखने की जरूरत है लेकिन हमें संयुक्त राष्ट के प्रस्ताव का भी सम्मान करना है। हमें उम्मीद है कि एक देश के एकपक्षीय अभियान से अन्य देशों पर असर नहीं होगा।
शर्मा ने भी कहा भारत अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि लेकिन अपने भागीदारों के साथ आर्थिक संबंध भी हैं। हमें इसकी अवहेलना नहीं कर सकते। शर्मा ने कहा कि तेल की कीमतों उतार-चढ़ाव से भारतीय का व्यापार घाटा बढ़ रहा है और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारे व्यापार खाते पर मुख्य तौर पर तेल और सोने के आयात के कारण दबाव है। ब्रिक्स देशों के विकास बैंक के प्रस्ताव के संबंध में ब्राजील के विकास, उद्योग एवं विदेश व्यापार मंत्री फर्नांडो पिमेंटेल ने कहा कि ब्राजील कल इस प्रस्ताव का समर्थन करेगा ताकि प्रक्रिया तेज की जा सके। उन्होंने कहा कि यह बहुत प्रभावशाली तरीका है। ऐसे बैंक से यूरोपीय संकट निपटने में बड़ी मदद मिलेगी। ब्रिक्स देश आपस में एक दूसरे को स्थानीय मुद्रा में रिण देने के संबंध में समझौते के निकट पहुंच चुके है।
ब्रिक्स देशों के व्यापार पर टिप्पणी करते हुए दक्षिण अफीकी व्यापर एवं उद्योग मंत्री राब डेवीस ने कहा कि सदस्य देशों के बीच व्यापर बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 28, 2012, 17:13