सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में होंगी 50,000 भर्तियां : चिदंबरम

`सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में होंगी 50,000 भर्तियां` : चिदंबरम

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की चालू वित्त वर्ष में 50,000 कर्मचारियों की नियुक्ति करने तथा 10,000 नई शाखाएं खोलने की योजना है।

चिदंबरम ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘इस साल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 10,000 नई शाखाएं खोल सकते हैं। इसमें 2,000 शाखाएं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक खोलेंगे। इसी के अनुसार नई नियुक्तियां की जाएंगी। वास्तव में सभी बैंक कुल मिलाकर इस साल 50,000 नियुक्तियां कर सकते हैं।’ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 31 मार्च 2012 की स्थिति के अनुसार मंजूरशुदा पदों की संख्या करीब 8 लाख थी। बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष 63,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की।

वित्त वर्ष 2010-11 के अंत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विभिन्न स्तरों पर 84,489 पद रिक्त थे। वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि स्टेट बैंक की आधार दर जहां 9.7 प्रतिशत है, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बैंकों की औसत आधार दर 10.2 अथवा 10.25 प्रतिशत है। आधार दर वह दर होती है जिससे कम पर बैंक कर्ज नहीं दे सकते हैं।

इस बीच बैंक ऑफ इंडिया ने 8 जुलाई से अपनी आधार दर को 10.25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की है। चिदंबरम ने वाणिज्यिक बैंकों से यह भी कहा है कि वे अपने उस सबसे बड़े 30 कर्जदारों पर ध्यान केन्द्रित करें जिनसे कर्ज की वसूली नहीं हो पा रही है। उन्होंने जानबूझ कर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। बैंकों की वसूली की स्थिति के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि मार्च में समाप्त तिमाही में यह बेहतर हुई है। बैंकों की कर्ज में फंसी राशि (एनपीए) की भी स्थिति कुछ सुधरी है।

‘दिसंबर 2012 तिमाही के मुकाबले मार्च 2013 में समाप्त तिमाही में इसमें सुधार आया है, लेकिन केवल एक तिमाही में सुधार को लेकर ही पूरी तस्वीर साफ नहीं हो जाती, साल के अंत में इसे देखना होगा।’ उन्होंने कहा कि कृषि, लघु एवं मध्यम उद्योग और खुदरा रिण क्षेत्र में मांग अच्छी रही है। आवास क्षेत्र में ऋण वृद्धि के संकेत हैं, विशेष तौर पर आवासीय उपयोग के लिये वाणिज्यिक रीयल एस्टेट क्षेत्र, सड़क और गैर परंपरागत ऊर्जा क्षेत्र में भी कर्ज मांग बढ़ने के संकेत हैं।

मार्च 2013 को समाप्त वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जमा राशि वृद्धि 14.4 प्रतिशत के मुकाबले 14.91 प्रतिशत और ऋण वृद्धि 17.76 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 15.62 प्रतिशत रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों की पूंजी पर्याप्तता स्थिति बेहतर है और बेसल जरूरतों के अनुरूप है। केवल चार बैंक आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और देना बैंक इस मामले में पीछे हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 3, 2013, 23:24

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