सीआरआर में 0.25% की कटौती, ईएमआई में राहत नहीं

सीआरआर में 0.25% की कटौती, ईएमआई में राहत नहीं

सीआरआर में 0.25% की कटौती, ईएमआई में राहत नहींज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

नई दिल्‍ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है। हालांकि इससे ईएमआई में कोई राहत नहीं मिली है। रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

आरबीआई गर्वनर का कहना है कि ये रेपो रेट में कटौती से ज्‍यादा असरदार है। सीआरआर में कटौती से बैंकिंग तंत्र को 17,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी मिलेगी। रिजर्व बैंक का कहना है कि सरकार की हाल की सुधारों की पहल से वृद्धि दर और महंगाई के बीच संतुलन बनेगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, जिससे करोड़ों ऋण धारकों को निराशा हुई, जो मासिक किश्त (ईएमआई) घटने की उम्मीद कर रहे थे। बैंक ने हालांकि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.25 फीसदी कटौती कर दी। सीआरआर में इस कटौती से अर्थव्यवस्था में 17,000 करोड़ रुपये की तरलता जारी होने का अनुमान जताया गया है।

सीआरआर में 25 आधार अंक की कटौती कर इसे 4.50 फीसदी कर दिया गया। नई सीआरआर दर 22 सितम्बर 2012 से लागू होगी। मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया। बैंक ने कहा कि महंगाई अभी तक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

रिजर्व बैंक ने रेपो दर और रिवर्स रेपो दर को क्रमश: आठ फीसदी और सात फीसदी पर बरकरार रखा। रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जिस पर वह वाणिज्यिक बैंकों से उधार लेता है। आरबीआई ने नीति समीक्षा में कहा कि मौद्रिक नीति का मुख्य ध्यान अभी भी महंगाई से लड़ने पर है।
आरबीआई गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि महंगाई का रुझान बना हुआ है। इसलिए मौद्रिक समीक्षा का मुख्य ध्यान महंगाई कम करने और महंगाई के अनुमान को कम करने पर केंद्रित है। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सुधार के लिए उठाए गए कुछ बड़े कदमों के कारण बाजार और आम लोगों को ब्याज दर घटाए जाने की उम्मीद थी। ब्याज दर नहीं घटने से ऋण धारकों की मासिक किश्तों पर कोई भी राहत नहीं मिलेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि सरकार एक से डेढ़ महीने में वित्तीय घाटा कम करने के लिए कुछ और कदम उठाएगी। चिदम्बरम ने आरबीआई की समीक्षा पर प्रतिक्रिया में कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आज और 30 अक्टूबर के बीच चूंकि सरकार कई अतिरिक्त नीतिगत कदम उठाने वाली है और वित्तीय घाटा कम करने के उपाय करने वाली है, इसलिए 30 अक्टूबर को आरबीआई की प्रतिक्रिया विकास के लिए अधिक सहायक होगी। आरबीआई 30 अक्टूबर 2012 को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। मैं सीआरआर में कटौती का स्वागत करता हूं। देश के कारोबारियों ने सीआरआर कटौती का स्वागत किया और अक्टूबर के आखिर में होने वाली समीक्षा घोषणा में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद जताई। भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि तरलता बढ़ने से स्थिति में मदद मिलेगी, जहां ऋण की कीमत चुनौतीपूर्ण हो चुकी थी। बनर्जी ने यह भी कहा कि आरबीआई के मुताबिक मांग का दबाव घटा है, इसलिए मुख्य दरों में कटौती की उम्मीद थी।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा कि आरबीआई से इस दिशा में और आगे बढ़ने की उम्मीद है और हमें उम्मीद है कि आरबीआई अगले महीने दरों में कटौती करेगा।

रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने मध्य तिमाही मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि मुद्रास्फीतिक रुख बरकरार है। ऐसे में मौद्रिक समीक्षा का मुख्य लक्ष्य महंगाई पर अंकुश और मुद्रास्फीतिक संभावनाओं को कम करना है। अगस्त माह में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 7.55 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो जुलाई में 6.87 फीसद पर थी।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि सीआरआर में कटौती 22 सितंबर से लागू होगी। सीआरआर में कटौती से बैंकों को अपने कर्ज को सस्ता करने का रास्ता मिलेगी। इससे निवेश की स्थिति में सुधार होगा और वृद्धि दर को प्रोत्साहन मिलेगा। रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदम पर अपनी प्रतिक्रिया में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कहा कि बैंक इस नीतिगत कदम को ध्यान में रखकर अपनी ब्याज दरों की समीक्षा करेगा।

First Published: Monday, September 17, 2012, 11:30

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