Last Updated: Sunday, July 29, 2012, 19:51

मुंबई : देश में सूखे के चलते महंगाई धधक सकती है पर वाणिज्यिक बैंकों को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक 31 जुलाई की अपनी मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
बैंकों को अपनी जमा का एक निश्चित अनुपात केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है, जिसे सीआरआर कहा जाता है। सीआरआर में एक प्रतिशत की कमी करने से बैंकों की 60,000 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी केंद्रीय बैंक के नियंत्रण से मुक्त हो जाती है और वे उसे कर्ज देने में इस्तेमाल कर सकते हैं। बैंकरों को उम्मीद है कि सीआरआर में कटौती होगी। हालांकि वे ब्याज दरों में कटौती को लेकर बहुत आशावान नहीं हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक सीआरआर में आधा फीसद की कटौती करेगा। फिलहाल सीआरआर 4.75 फीसदी पर है। चौधरी कहते हैं कि रेपो दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं है, जो अभी 8 प्रतिशत के स्तर पर है। सेंट्रल बैंक के चेयरमैन एमवी तंकसाले तथा यूनियन बैंक के प्रमुख डी सरकार ने भी कुछ यही राय जताई। उन्होंने कहा कि नकदी के प्रवाह को सुधारने के लिए हम सीआरआर में आधा फीसदी कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। सीआरआर कटौती से उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा, क्योंकि इसका ब्याज दरों पर भी असर दिखाई देगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 29, 2012, 19:51