Last Updated: Tuesday, January 29, 2013, 13:54

नई दिल्ली : योजना आयोग ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दरों (रेपो दर) में चौथाई फीसद की कटौती के कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और दीर्घावधि की ऋण दरों पर व्यापक असर पड़ेगा।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी 0.25 फीसद की कटौती की है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि सीआरआर में कटौती से बैकों के पास रिण देने के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दीर्घावधि में ब्याज दरों पर क्या असर होगा। मेरा मानना है कि सीआरआर में कटौती से ब्याज दरों पर इसका व्यापक असर होगा, क्योंकि इससे बैंकों के पास अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे। सीआरआर में 0.25 प्रतिशत की कटौती से बैंकिंग प्रणाली के पास 18,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
अहलूवालिया ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के फैसले का व्यापक स्वागत होगा। इससे यह संकेत मिलता है कि रिजर्व बैंक का मानना है कि सरकार ने हाल में कई कदम उठाए हैं जिससे मौद्रिक नीति में वृद्धि को प्रोत्साहन देने का कदम उठाया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के इस रुख को इस दृष्टि से भी देखा जाना चाहिए कि सरकार ने हाल में जो कदम उठाए हैं उनसे वृहद आर्थिक परिस्थितियांे को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 29, 2013, 13:54