सीआरआर में की गई आधा फीसदी की कटौती - Zee News हिंदी

सीआरआर में की गई आधा फीसदी की कटौती

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
मुंबई : देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था में सुस्ती और महंगाई की दर में कमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी तीसरी तिमाही मौद्रिक समीक्षा में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 50 आधार अंकों की कमी करने का फैसला किया है।

 

आरबीआई ने मंगलवार को जारी समीक्षा में सीआरआर को छह फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया है, जो 28 जनवरी से प्रभावी होगी। आरबीआई के इस कदम से व्यावसायिक बैंकों के पास ऋण के लिए 320 अरब रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध हो सकेगी। रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और अन्य दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि कर्ज की दरें यथावत बनी रहेंगी। महंगाई को काबू में करने के लिए रिजर्ब बैंक मार्च, 2010 से अब तक ब्याज दरें 13 बार बढ़ा चुका है, लेकिन अब तक महंगाई पर कोई खास असर नहीं पड़ा है।

 

इससे पहले आरबीआई ने सोमवार को आर्थिक और मौद्रिक विकास दस्तावेज में कहा था, 'विकास को बढ़ावा देने के लिए मौद्रिक उपाय किए जाने की सम्भावना है, लेकिन यह महंगाई और विकास की अगली दिशा पर निर्भर करेगी।' रिजर्व बैंक ने 2010 की शुरुआत से दहाई अंक के आसपास चल रही महंगाई दर को कम करने के लिए लगातार 13 बार मुख्य दरें बढ़ाई थी। रेपो दर अभी 8.5 फीसदी है।

 

बैंक ने कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में आर्थिक विकास दर पूर्वानुमानित 7.6 फीसदी से कम रह सकती है। रिजर्व बैंक ने आर्थिक और मौद्रिक विकास दस्तावेज में महंगाई के भी बढ़ने की आशंका जताई। मालूम हो कि रिजर्व बैंक ने दिसम्बर में मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में कोई बदलाव नहीं किया था और कहा था कि भविष्य में महंगाई कम होने पर वह दरों में कटौती कर सकता है।

 

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की सोमवार को जारी एक सर्वेक्षण रपट के मुताबिक देश की कम्पनियों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक मंगलवार को समीक्षा में मुख्य नीतिगत दरों में कटौती नहीं करेगा। कारोबारियों ने साथ ही एक सर्वेक्षण में आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान जताया।

उल्लेखनीय है कि दिसम्बर 2011 में वार्षिक महंगाई दर 7.47 फीसदी रही, जो दो साल का निचला स्तर है। सर्वेक्षण में महंगाई दर के भी मार्च अंत तक सात फीसदी तक रहने का अनुमान जताया गया। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि महंगाई में कमी को देखते हुए रिजर्व बैंक को दरों में कटौती करनी चाहिए ताकि विकास और निवेश में तेजी आए।

 

शर्मा ने एक सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, 'वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में हमारा मानना है कि उद्योग और निवेश के लिए दरें कम होनी चाहिए। हमने केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने यह मसला उठाया है, जिनकी प्रतिक्रिया सकारात्मक है।' रिजर्व बैंक अपनी ओर से यह आश्वस्त कर लेना चाहता है कि दरों में कटौती से पहले महंगाई दर नियंत्रण में आ जाए। सोमवार को जारी दस्तावेज में बैंक ने फिर कहा कि मार्च तक महंगाई दर सात फीसदी के दायरे में आ जाएगी।

First Published: Tuesday, January 24, 2012, 19:34

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