Last Updated: Saturday, September 22, 2012, 16:44

मुम्बई : देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों में गत सप्ताह डेढ़ फीसदी से अधिक तेजी रही। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत साप्ताहिक कारोबार में सुधार के अनुकूल असर की उम्मीद में 1.56 फीसदी या 288.56 अंकों की तेजी के साथ 14 महीने के ऊपरी स्तर 18,752.83 पर बंद हुआ। सेंसेक्स इससे पिछले सप्ताह भी 4.03 फीसदी या 714.62 अंकों की तेजी के साथ 18,464.27 पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी गत साप्ताहिक कारोबार में 2.03 फीसदी या 113.50 अंकों की तेजी के साथ 5,691.15 पर बंद हुआ। निफ्टी इससे पिछले सप्ताह भी 4.08 फीसदी या 218.95 अंकों की तेजी के साथ 5,577.65 पर बंद हुआ था।
आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में ढाई फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप 3.00 फीसदी या 187.53 अंकों की तेजी के साथ 6,432.43 पर बंद हुआ। मिडकैप में पिछले सप्ताह भी 1.66 फीसदी तेजी रही थी। स्मॉलकैप आलोच्य अवधि में 2.81 फीसदी या 186.09 अंकों की तेजी के साथ 6,809.21 पर बंद हुआ। स्मॉलकैप में पिछले सप्ताह भी 1.95 फीसदी तेजी रही थी।
सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे जिंदल स्टील (14.60 फीसदी), भेल (13.54 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (12.28 फीसदी), भारती एयरटेल (9.41 फीसदी) और एलएंडटी (6.54 फीसदी)। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टीसीएस (7.70 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (5.87 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.26 फीसदी), विप्रो (3.22 फीसदी) और कोल इंडिया (2.73) में गिरावट रही।
बीएसई के 13 में से 9 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (8.84 फीसदी), बैंकिंग (6.96 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.88 फीसदी), बिजली (5.82 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.22 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के चार सेक्टरों सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (2.18 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.05 फीसदी) और प्रौद्योगिकी (1.28 फीसदी) में गिरावट रही।
गत सत्पाह सिर्फ चार कारोबारी सत्र संचालित हुआ। गणेश चतुर्थी उत्सव के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार बुधवार को बंद रहे। सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करते हुए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.25 फीसदी कटौती कर दी। सीआरआर में इस कटौती से अर्थव्यवस्था में 17,000 करोड़ रुपये की तरलता जारी होने का अनुमान जताया गया है। सीआरआर में 25 आधार अंक की कटौती कर इसे 4.50 फीसदी कर दिया गया।
गुरुवार को विपक्षी पार्टियों ने डीजल मूल्य वृद्धि और बहुब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने के सरकार के फैसले के विरुद्ध देश व्यापी हड़ताल आयोजित की। कारोबारी संघों के मुताबिक हालांकि देशव्यापी हड़ताल से गुरुवार को देश भर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि देशव्यापी हड़ताल से भारतीय अर्थव्यवस्था को 12,500 करोड़ रुपये (2.25 अरब डॉलर) का नुकसान होने का अनुमान है।
औद्योगिक संगठनों ने सरकार को सलाह दी कि राजनीकि दबाव में उन्हें सुधार के फैसले से पीछे नहीं हटना चाहिए। आर्थिक सुधार की प्रक्रिया पर आगे बढ़कर केंद्र सरकार ने घरेलू कम्पनियों द्वारा लिए जाने वाले विदेशी ऋण पर कर को शुक्रवार को 20 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया। केंद्रिय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि घटा हुआ कर जुलाई 2012 और जून 2015 के बीच लिए गए ऋण पर लागू होगा। चिदम्बरम ने शुक्रवार को ही कहा कि आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार गैर-रियायती रसोई गैस की बिक्री पर से सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर (वैट) हटा देगी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 22, 2012, 16:44