Last Updated: Tuesday, April 16, 2013, 21:51

नई दिल्ली : सहारा समूह ने सेबी की अपील पर 22 अप्रैल को होने वाली सुनवाई को टालने के लिये उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
सेबी ने न्यायालय से सहारा समूह के अध्यक्ष सुब्रत रॉय सहारा को हिरासत में लेने और उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरु करने के लिये अर्जी दायर की थी।
न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन के नेतृत्व में खंडपीठ ने कहा कि वह 22 अप्रैल को यह फैसला लेगी कि सहारा की याचिका पर विचार किया जाये या नहीं।
15 मार्च को सेबी ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा की गिरफ्तारी और उनके देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की थी।
सहारा समूह की दो कंपनियों ने अपने निवेशकों को 24 हजार करोड़ रुपये वापस करने के आदेश का पालन नहीं किया था।
सेबी ने अदालत से सहारा के मालिक सुब्रत सहारा को गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने की अनुमति की मांग की थी। छह फरवरी को उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह को नोटिस जारी किया था और यह कहते हुये चार सप्ताह में जवाब मांगा था कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरु की जाये।
न्यायालय ने यह भी कहा था कि सहारा समूह की दो कंपनियों के खाते और संपत्ति को जब्त करने के लिये सेबी स्वतंत्र है। यह दो कंपनियां हैं- सहारा इंडिया रियल एस्टेट कापरेरेशन और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉपरेरेशन। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 16, 2013, 21:51