Last Updated: Friday, August 30, 2013, 11:16
मुंबई : रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव ने सेवानिवृति से कुछ दिन पहले ही गुरुवार को वित्त मंत्री के साथ अपने मतभेदों को उजागर कर दिया। उन्होंने वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के उस वक्तव्य पर आज टिप्पणी की जिसमें चिदंबरम ने कहा था कि आर्थिक वृद्धि बनाये रखने के लिये वह (सरकार) अकेले ही बढ़ना पसंद करेंगे। चिदंबरम ने यह टिप्पणी रिजर्व बैंक की लगातार सख्त मौद्रिक नीति को देखते हुये की थी। रिजर्व बैंक गवर्नर का पद छोड़ने से एक सप्ताह पहले गुरुवार को सुब्बाराव ने सरकार और रिजर्व बैंक के बीच मतभेदों को लेकर मीडिया में कई रिपोर्ट आने का जिक्र किया। रिजर्व बैंक की स्वायतता और जवाबदेही को लेकर भी काफी खबरें प्रकाशित हुई हैं।
सुब्बाराव ने कहा, जर्मनी के पूर्व चांसलर ग्रेरार्ड स्रोएडर ने एक बार कहा, मैं अक्सर बंडसबैंक को लेकर परेशान हो जाता हूं, लेकिन भगवान का शुक्र है कि यह है। उन्होंने कहा, मुझे भी उम्मीद है कि वित्त मंत्री चिदंबरम भी एक दिन कहेंगे, मैं अक्सर रिजर्व बैंक की वजह से हताश होता हूं, इतना परेशान होता हूं कि मैं बाहर निकल जाना चाहता हूं, चाहे मुझे अकेले ही चलना पड़े, लेकिन भगवान का शुक्र है कि रिजर्व बैंक है।
सुब्बाराव ऐसा कहते हुये चिदंबरम के उस वक्तव्य का ही संदर्भ दे रहे थे जब उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में कहा था। यदि सरकार को आर्थिक वृद्धि की खातिर अकेले ही चलना होगा तो वह अकेले ही आगे बढ़ेगी। रिजर्व बैंक की मुद्रास्फीति की चिंता में सख्त मौद्रिक नीति को जारी रखने से चिदंबरम उस समय परेशान थे। सरकार की राजकोषीय मजबूती के लिये पंचवर्षीय कार्ययोजना पेश किये जाने के बावजूद रिजर्व बैंक ने उच्च ब्याज दर की नीति को जारी रखा था। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 30, 2013, 09:39