Last Updated: Monday, February 11, 2013, 17:26

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने आगाह किया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा (सीएडी) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.3 प्रतिशत तक पहुंच जाने के बाद वित्त वर्ष के दौरान यह रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है।
हालांकि, केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा, ‘पिछले साल चालू खाते का घाटा जीडीपी का 4.2 प्रतिशत रहा था, लेकिन इस साल यह इससे उपर रहेगा। जीडीपी के समक्ष यह संभवता अब तक की एतिहासिक ऊंचाई पर रह सकता है।’
विदेशी मुद्रा की कुल प्राप्ति और खर्च का अंतर चालू खाते का घाटा कहलाता है। सुब्बाराव ने इस बात पर भी चिंता जताई कि इस अंतर को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिये आने वाले विदेशी मुद्रा के बजाय अनिश्चित अंतप्र्रवाह से पाटा जा रहा है जिसमें घटबढ़ बनी रहती है।
रिजर्व बैंक द्वारा गठित इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सुब्बाराव ने बढ़ते चालू खाते के घाटे पर चिंता जताई। चालू खाते का घाटा बढ़ने की प्रमुख वजह तेल और सोने का उंचा आयात है। इसके तीसरी तिमाही के आंकड़े इसी सप्ताह आने की उम्मीद है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 11, 2013, 17:26