Last Updated: Tuesday, July 31, 2012, 23:21

नई दिल्ली : सरकार ने बरसात की कमी से जूझ रहे देश के लगभग आधे से भी ज्यादा हिस्सों के प्रभावित होने की चिंताओं के बीच कई सारे राहत उपायों की घोषणा की है, जिसके तहत सूखे जैसी स्थिति का सामना करने वाले राज्यों को करीब 2,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज तथा खड़ी फसलों को बचाने के लिए किसानों को डीजल पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने जैसे कदम शामिल हैं।
कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता वाले सूखे पर गठित मंत्रियों के अधिकार सम्पन्न समूह की आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद पवार ने संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में विभिन्न खरीफ फसलों के बीजों पर दी जाने वाली राजसहायता :सब्सिडी: को बढ़ाने के साथ साथ मवेशियों के लिए चारा आपूर्ति बढ़ाने के मकसद से खलियों के आयात पर आयात शुल्क को समाप्त करने का भी फैसला किया गया है।
पवार ने कहा कि देश के 627 जिलों में से ‘‘करीब 64 प्रतिशत जिलों में कम अथवा छिटपुट बरसात हुई है। यह पूछे जाने पर कि वर्ष 2009 की तुलना में इस बार स्थिति कितनी खराब है, पवार ने कहा कि इस बार जिलों की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और पंजाब में स्थिति गंभीर है। इसे देखते हुए खरीफ उत्पादन में कमी का अंदेशा है।
कमजोर बरसात के प्रभावों को कम करने के बारे में पवार ने कहा कि मंत्रियों के अधिकार संपन्न समूह ने सूखे से निपटने और उससे निजात पाने के लिए एकीकृत जलसंभरण कार्यक्रम के तहत विभिन्न राज्यों को 1,440 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है। इसमें राशि में से 195 करोड़ रुपये कर्नाटक को, 501 करोड़ रुपये महाराष्ट्र को, 424 करोड़ रुपये राजस्थान और 320 करोड़ रुपये की सहायता गुजरात को दिया जाएगा।
इसके अलावा खड़ी फसल को बचाने के लिए डीजल पम्प का इस्तेमाल करने वाले किसानों को डीजल पर 50 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जायेगी। इस सब्सिडी में केन्द्र और राज्य सरकारों का बराबर बराबर का योगदान होगा। यह सब्सिडी उन राज्यों को दी जायेगी जहां 15 जुलाई की स्थिति के अनुसार बरसात की 50 प्रतिशत से अधिक की कमी है और जिन क्षेत्रों को राज्यों के द्वारा सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। इसमें वे क्षेत्र भी शामिल होंगे जहां 15 या उससे अधिक दिनों तक बरसात नहीं हुई है।
पवार ने बताया कि इसके अलावा सरकार ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की स्थिति में सुधार लाने के लिए 453 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है तथा पशुओं के चारों का उत्पादन बढ़ाने के लिए और 50 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 31, 2012, 23:21