Last Updated: Thursday, March 15, 2012, 09:58
नई दिल्ली : सेवा क्षेत्र की बदौलत देश वैश्विक मंदी की चपेट में आने से बचने में कुछ हद तक ही सही कामयाब रहा। वर्ष 2010-11 के दौरान इसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में यह 9.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। यह खुलासा गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की ओर से लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में सेवा क्षेत्र में सशक्त विकास हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 26 प्रतिशत है। लेकिन वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में विकास दर बनाए रखने में सेवा क्षेत्र से काफी मदद मिली। इसमें कहा गया है कि यूरोपीय तथा उत्तरी अमेरिका के देशों में आर्थिक अस्थिरता के बावजूद सेवा एवं कृषि क्षेत्र में तेज विकास दर्ज की गई। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के जीडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान वर्ष 1950-51 के 33.5 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2010-11 में बढ़कर 55.1 प्रतिशत हो गया और फिर वर्ष 2011-12 में यह 56.3 प्रतिशत दर्ज किया गया। यदि इसमें निर्माण क्षेत्र को भी शामिल कर लिया जाए तो यह योगदान बढ़कर 64.4 प्रतिशत हो जाएगा।
राज्यवार उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश (34.9 प्रतिशत) और सिक्किम (30.1 प्रतिशत) में सेवा क्षेत्र में सबसे तेज विकास दर्ज किए जाने की बात कही गई है। सेवा क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अन्य राज्य गोवा (20.1 प्रतिशत) तथा बिहार (16.6 प्रतिशत) हैं।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 15, 2012, 15:28