स्थायित्व के बाद ही वापस होंगे नकदी में सख्ती के कदम

स्थायित्व के बाद ही वापस होंगे नकदी में सख्ती के कदम

स्थायित्व के बाद ही वापस होंगे नकदी में सख्ती के कदमहैदराबाद : रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार में स्थायित्व आने के बाद ही नकदी में सख्ती के उपायों को वापस लिया जायेगा। मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव से आर्थिक वृद्धि को नुकसान होता है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने यहां एक पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुये कहा ‘हम इन उपायों (नकदी में सख्ती) को तभी वापस लेंगे जब यह सुनिश्चित हो जायेगा कि विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थिरता लौट आई है।’

रिजर्व बैंक और पूंजी बाजार नियामक सेबी ने गिरते रुपए को थामने के लिये मार्जिन बढ़ाने सहित वायदा कारोबार में कई तरह के प्रतिबंध लगाये और मुद्रा विनिमय बाजार में कारोबारियों के सौदों की स्थिति को सीमित करने के उपाय किये।

सुब्बाराव ने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा खुद अपने लिये सौदे करने पर भी रोक लगाई है ताकि रुपये में सट्टेबाजी पर अंकुश लगाया जा सके। सट्टेबाजी की वजह से ही विनिमय दर में ज्यादा उतार-चढ़ाव आता है।

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का मानना है कि ‘विनिमय दर में वेवजह अधिक उतार-चढ़ाव आर्थिक वृद्धि और स्थिरता के लिये नुकसानदायक है और इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिये।’

उल्लेखनीय है कि 8 जुलाई को एक समय डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर अब तक के सर्वकालिक निम्न स्तर 61.21 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गई थी। फिलहाल रुपया डॉलर के मुकाबले 60.80 रुपए के आसपास चल रहा है। (एजेंसी)

First Published: Friday, August 2, 2013, 18:32

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