Last Updated: Monday, September 9, 2013, 18:24

नई दिल्ली : दूरसंचार नियामक ट्राई ने स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले दौर के लिये आरक्षित मूल्य में भारी कटौती की सिफारिश की है। इससे पहले स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रयास सफल नहीं हो पाये थे।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र की मौजूदा कंपनियों के लाइसेंस जब समाप्त हो जायेंगे, तो उनके लिये कोई स्पेक्ट्रम आरक्षित नहीं रखा जायेगा। ट्राई ने कहा है कि स्पेक्ट्रम का व्यापार किया जा सकेगा।
ट्राई ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सर्किल में प्रीमियम 900 मेगाहट्र्ज बैंड के लिये स्पेक्ट्रम नीलामी का आरक्षित मूल्य करीब 79 प्रतिशत घटाकर 650 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है, जबकि इससे पहले यह 3,074.18 करोड़ रुपये रखा गया था।
सबसे ज्यादा 81.38 प्रतिशत कटौती मुंबई सर्किल में की गई है। यहां न्यूनतम मूल्य घटाकर 262 करोड़ रुपये पर ला दिया जबकि नियामक की पिछली सिफारिश के अनुसार यह 1,404.28 करोड़ रुपये पर था।
ट्राई ने 2जी स्पेक्ट्रम (1800 मेगाहट्र्ज) के तीसरे दौर के लिये अखिल भारतीय स्तर के आरक्षित मूल्य में 60 प्रतिशत कटौती की सिफारिश की है।
ट्राई ने क्षेत्र में उतरने वाली नई कंपनियों के लिये 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में न्यूनतम 5 मेगाहट्र्ज के लॉट के साथ 1,496 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज का प्रस्ताव किया है, जिसके आधार पर पांच मेगाहट्ज के लिये कुल 7,480 करोड़ रुपये का आधार मूल्य होगा, जबकि इसके लिये पहले 18,200 करोड़ रुपये का आरक्षित मूल्य रखा गया था।
सरकार को उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत 1,800 मेगाहट्र्ज में स्पेक्ट्रम की तीसरे दौर की नीलामी करनी है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत फरवरी, 2012 में 122 लाइसेंस निरस्त किये जाने से जो स्पेक्ट्रम मुक्त हुआ है वह पूरा नीलाम किया जाना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पिछली बार आरक्षित मूल्य काफी ऊंचा रखा गया था, ट्राई के अध्यक्ष राहुल खुल्लर ने कहा ‘हां, कृपया, इस बात को समझना चाहिये कि पिछली बार की तुलना में इस बार मूल्य के मामले में सोच पूरी तरह बदली है।’
नियामक ने यहां तक कि सेवा क्षेत्र में भी जहां नवंबर 2012 में स्पेक्ट्रम की बिक्री की गई थी, कम आरक्षित मूल्य की सिफारिश की है।
नवंबर में होने वाली नीलामी में बोली लगाने वाली दूरसंचार कंपनियों के लिये किसी प्रकार की रियायत के बारे में पूछे जाने पर खुल्लर ने कहा, ‘हम केवल आरक्षित मूल्य की सिफारिश कर रहे हैं, यह अंतिम मूल्य नहीं है। नीलामी के जरिये बाजार में मूल्य तय होने दीजिये, उसके बाद हम सोचेंगे कि क्या किया जाना है।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, September 9, 2013, 18:14