Last Updated: Friday, July 20, 2012, 16:51
नई दिल्ली : गृहमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले अधिकार प्राप्त मंत्री समूह (ईजीओएम) ने शुक्रवार को फैसला किया कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए आरक्षित मूल्य, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क तथा भुगतान की शर्तों के बारे में अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल करेगा।
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने समूह की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ईजीओएम ने तीन विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा की। इन मुद्दों पर ईजीओएम अपनी सिफारिश मंत्रिमंडल को भेजने जा रहा है ताकि मंत्रिमंडल इस पर अंतिम निर्णय करे।
उन्होंने कहा कि ईजीओएम प्रत्येक मुद्दे पर अपना विचार मंत्रिमंडल को देगा।
पिछली बैठक में ईजीओएम ने दूरसंचार विभाग से स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क को 3 से 8 प्रतिशत के बीच अलग अलग स्तर पर रखने से सरकार के राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन प्रस्तुत करने को कहा था। बहरहाल, उद्योग जगत ने इस माडल को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने चिदंबरम को लिखे पत्र में कहा है आधार मूल्य को कम कर राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी बढाने के फार्मूले से समस्या हल नहीं होगी बल्कि और बढ़ेगी।
दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नई कंपनियों के मामले में देश भर में परिचालन के लिए 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में एक मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए 3,622 करोड़ रुपए का आरक्षित मूल्य रखने की सिफारिश की है।
यह नीलामी सिस्तेमा, श्याम टेलीसर्विसेज, यूनीनार तथा वीडियोकान जैसी कंपनियों के लिए जरूरी है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इन कंपनियों का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इन कंपनियों ने कारोबार जारी रखने और नीलामी में भाग लेने की इच्छा जताई है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 20, 2012, 16:51