Last Updated: Thursday, February 23, 2012, 14:40
नई दिल्ली : स्विटजरलैंड सरकार ने अपने बैंकों से कालेधन पर निगाह रखने को कहा है। स्विटजरलैंड सरकार के इस निर्देश से कालेधन के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार को काफी मदद मिलने की उम्मीद है। स्विट्जरलैंड सरकार ने अपने बैंकों से कहा कि वह ग्राहकों की गोपनीयता शर्तों को तोड़े बिना उनके खाते में आने वाले बिना कर भुगतान वाले धन को स्वीकार करने से बचें। देश की शीर्ष नीति निर्माता संस्था स्विस फेडरल काउंसिल ने कहा कि बैंकों में जमा पूंजी स्वीकार करते समय उसकी जांच परख का दायरा बढ़ाने की जरूरत है ताकि भारत समेत विदेशी ग्राहकों से कर चोरी वाले धन के मामले में ज्यादा प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
काउंसिल ने कहा कि ज्यादा ध्यान बैंकों द्वारा धन स्वीकार करते समय परिसंपत्तियों की जांच परख पर दिया जाना चाहिए। विदेशी ग्राहकों से उनके कर दायित्वों को पूरा करने के बारे में घोषणा संबंधी दस्तावेजों को पूरा किया जाना चाहिए। हालांकि, काउंसिल ने किसी भी देश के साथ खुद-ब-खुद सूचना के आदान-प्रदान के विचार का यह कहते हुए विरोध किया कि जहां तक संभव हो बैंक के खाताधारकों की गोपनीयता का सम्मान किया जाना चाहिए।
स्विट्जरलैंड के बैंकों के बारे में मशहूर है कि वे विश्व भर में सबसे ज्यादा गोपनीयता बरतते हैं। इसके कारण उनके पास विश्व भर के अमीर और ताकतवर ग्राहक आकषिर्त होते हें लेकिन इससे इस देश को करचोरों की पनाहगाह के तौर पर भी जाना जाने लगा।
कालेधन की पनाहगाह के रुप में बनी पहचान से छुटकारे के लिए बहु-उद्देश्यीय रणनीति के तहत काउंसिल ने यह भी प्रस्ताव किया है कि पिछले ऐसे सभी मामले तुरंत निपटाए जाएं जिनमें स्विस बैंकों के विदेशी ग्राहकों की संपत्ति पर ठीक से कर नहीं लगा है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 24, 2012, 00:23