Last Updated: Thursday, November 15, 2012, 18:36
नई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में करीब आधे तरंगों को बेच पाने में असफल रहने के बाद केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा कि नीलामी के अन्य चक्र आयोजित किए जाएंगे। सिब्बल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि निश्चित रूप से नीलामी होगी। इसमें कोई शक नहीं है। नीलामी के अगले चक्र में क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी, उस पर अगले कुछ सप्ताह में फैसला होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने वही किया जो अदालत ने उसे करने के लिए कहा था। वह है उन तरंगों या रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रमों की बिक्री, जिनका पहले 2008 में आवंटन हुआ था और जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद रद्द किया गया था। उन्होंने कहा कि हमने यहां तक कि कीमत कम की क्योंकि हम बेचना चाहते थे। यदि हम भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिश के मुताबिक कीमत को 18 हजार करोड़ रुपये (3.33 अरब डॉलर) रखते, तो इतनी भी आय नहीं होती।
सिब्बल का मतलब 9,400 करोड़ रुपये से था, जो सरकार को स्पेक्ट्रम की बिक्री से मिलने वाली है। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) द्वारा पहले बताए गए अनुमानित नुकसान के आधार पर सरकार को इन स्पेक्ट्रमों की नीलामी से 40 हजार करोड़ रुपये की आय का अनुमान था। सरकार ने स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए सुरक्षित मूल्य 14,000 करोड़ रुपये तय किया था। संचार मंत्री ने सीएजी की भी खिल्ली उड़ाई, जिसने सरकार को एक समय बिल्कुल शर्मिदा कर दिया था और कहा था कि इससे उपभोक्ताओं को कोई लाभ नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि हम यहां एक दूसरे के मुकाबले अधिक प्रशंसा बटोरने के लिए नहीं हैं। हमारा यह मानना है कि बाजार को काम करने दिया जाना चाहिए। जब भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बाजार के साथ छेड़छाड़ करने लगते हैं, तो यह बुरा होता है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम विकास और समृद्धि सुनिश्चित करना है। खुद को दोषमुक्त साबित करना नहीं है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिला क्योंकि इस क्षेत्र में होने वाला निवेश रुक गया और यह कर्ज में दब गया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 15, 2012, 18:36