Last Updated: Sunday, February 12, 2012, 17:44

नयी दिल्ली : आवास क्षेत्र में ऋण के उठाव को बढ़ावा देने के लिए सरकार आगामी बजट में गृह ऋण पर कर कटौती की सीमा बढ़ा सकती है। समझा जाता है कि सरकार आवास ऋण पर दिए गए ब्याज पर आयकर छूट की सीमा को 3 लाख रुपये कर सकती है, जो फिलहाल 1.5 लाख रुपये है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार आगामी बजट में आवास ऋण पर कर कटौती की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। आम बजट 16 मार्च को पेश किया जाना है। फिलहाल घर खरीदने को लिए गए ऋण पर कर योग्य आमदनी में से ब्याज के रूप में 1.5 लाख रुपये तक की कटौती उपलब्ध होती है। इसके अलावा उपभोक्ता मूल राशि के भुगतान पर भी कर छूट पा सकते हैं। हालांकि यह एक लाख रुपये की सालाना बचत पर मिलने वाली छूट का हिस्सा है।
सूत्रों ने कहा कि हर बीतते साल के साथ मकानों के दाम बढ़ रहे हैं और साथ ही ब्याज दरें भी उंचे स्तर पर बनी हुई हैं, इसलिए इस सीमा को बढ़ाने की जरूरत है। आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट को थामने के लिए उद्योग जगत भी कुछ इसी तरह की मांग कर रहा है। फिक्की के महासचिव राजीव कुमार ने कहा कि आवास ऋण के ब्याज पर कर कटौती की सीमा को ब्याज दरों के अनुकूल कर 2.5 लाख रुपये किया जाना चाहिए।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, व्यक्तिगत कर कटौती की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए। बनर्जी ने कहा कि इसमें से इसमें से 3 लाख रुपये की छूट ब्याज भुगतान पर मिलनी चाहिए। जबकि दो लाख रुपये की कटौती विशिष्ट रूप से मूल रिण राशि के भुगतान पर होनी चाहिए। इसी तरह की राय जाहिर करते हुए एसोचैम और पीएचडी चैंबर ने कहार कि कटौती की सीमा ब्याज और मूल राशि दोनों पर बढ़नी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 12, 2012, 23:14