Last Updated: Sunday, February 5, 2012, 08:23
नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को लगता है कि बीसीसीआई सहारा इंडिया के फैसले के बाद इंडियन प्रीमियर लीग के पांचवें चरण के लिए खिलाड़ियों की नीलामी को स्थगित कर सकती थी। सहारा ने कल बेंगलूर में नीलामी से पहले बीसीसीआई से 11 साल के प्रायोजन अनुबंध तोड़ने के साथ आईपीएल से भी हटने का फैसला किया।
गावस्कर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अनुबंध तोड़ने की धारा जरूर होगी और सहारा ने यह करार तोड़ने से पहले कानूनी सलाह ली होगी। लेकिन मुझे लगता है कि सहारा के फैसले के बारे में पता चलने के बाद नीलामी को समाधान निकलने तक स्थगित किया जा सकता था । अगर पुणे आईपीएल पांच का हिस्सा नहीं थी तो उनके खिलाड़ी नीलामी में शामिल हो सकते थे।’
उन्होंने कहा, ‘एक हफ्ते या 10 दिन के अंदर यह मामला और साफ हो जाता और अगर पुणे आईपीएल पांच का हिस्सा नहीं है तो शायद एक और नीलामी होगी।’ उन्होंने कहा कि पुणे वारियर्स के खिलाड़ियों के लिये यह चिंता का विषय है और वे निश्चित रूप से काफी चिंतित होंगे।
गावस्कर ने कहा, ‘यह निश्चित रूप से अनुचित है। अगर आप पुणे की टीम के खिलाड़ी हो तो आप चिंतित होंगे ही । आपने दो साल का अनुबंध किया और अचानक आपको पता चलता है कि आप जिस टीम के साथ खेलते हो वह टीम ही नहीं है तो यह सामान्य सी बात है खिलाड़ी चिंतित होंगे ही। अब यह होगा कि बीसीसीआई को इससे निपटना होगा, जैसा उन्होंने कोच्चि फ्रेंचाइजी के साथ रास्ता निकाला था। शायद वे एक और नीलामी करें। इसमें ‘ट्रांसफर विंडो’ है लेकिन वह भी उन खिलाड़ियों के लिए हैं जिनकी फ्रेंचाइजी टीमें हैं। जहां तक पुणे की बात है खिलाड़ियों के लिए यह चिंता की बात है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 5, 2012, 17:07